बिहार चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां जल्द से जल्द उम्मीदवारों की घोषणा करने में जुटी हैं, ताकि प्रचार के लिए भी कुछ समय निकाला जा सके। बता दें कि पहले चरण के मतदान में अब 20 दिन से भी कम समय है, लेकिन इस बार पार्टियों को उम्मीदवारों की लिस्ट निकालने में काफी समय लगा दिया। खासकर एनडीए गठबंधन ने, जहां जदयू-भाजपा और लोजपा के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर ही काफी दिनों तक मंथन चला। इस बीच सामने आया है कि इस मुद्दे पर जब पार्टी नेताओं के बीच चर्चा चल रही थी, तो एक मौके पर जदयू नेता लल्लन सिंह ने यहां तक कह दिया था कि अगर भाजपा सीट बंटवारे से खुश नहीं है, तो अकेले ही चुनाव लड़ ले।

यह तनातनी करीब दो हफ्ते पहले पटना में चुनाव में उतरने को लेकर हो रही चर्चा के दौरान हुई। भाजपा की ओर से बिहार के प्रभारी बनाए गए देवेंद्र फडणवीस और महासचिव भूपेंद्र यादव जदयू नेताओं के साथ सीट बंटवारे का मुद्दा वर्चुअल कॉन्फ्रेंस पर सुलझाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान जब भूपेंद्र यादव ने सीटों के मामले में भाजपा को दूसरे पायदान पर धकेले जाने की की बात कही, तो जदयू नेता लल्लन सिंह भड़क गए। उन्होंने साफ कह दिया कि अगर भाजपा सीट बंटवारे से असंतुष्ट है, तो वह अपनी दम पर चुनाव लड़ ले।

बताया गया है कि लल्लन सिंह की इस बात पर देवेंद्र फडणवीस और भूपेंद्र यादव दोनों ही नाराज हो गए थे। हालांकि, बाद में दोनों पार्टियों के बीच 122 (जदयू)-121( (भाजपा) सीटों पर लड़ने की सहमति बन गई।

बिहार में बड़ी पार्टी की भूमिका में आने के लिए बेताब भाजपा: गौरतलब है कि चिराग पासवान की लोजपा बिहार चुनाव में अकेले ही उतर रही है। पार्टी ने साफ किया है कि वे भाजपा के खिलाफ नहीं है और चुनाव के बाद उसके साथ गठबंधन करेगी। लेकिन जदयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार उतारेगी। माना जा रहा है कि चिराग पासवान एनडीए के बागी नेता से ज्यादा भाजपा की योजना का हिस्सा हैं। इसी के चलते लोजपा को 100 से ज्यादा सीटों पर लड़ने की छूट भी मिल गई। कहा जा रहा है कि भाजपा बिहार में वरिष्ठ पार्टी की भूमिका में आना चाहती है और दो हफ्ते पहले हुई बैठक में ज्यादा सीट मांगना इसी ओर इशारा था।