जम्मू-कश्मीर मूल के महिला संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत (DEM) की लीडर आसिया अंद्राबी के खिलाफ एनआईए ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। एजेंसी ने बताया कि आसिया अंद्राबी देश के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह के लिए सोशल मीडिया से पैसा जुटा रही थीं। वह सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल कर घाटी के लोगों को उकसाने में भी जुटी थीं। एनआईए ने अंद्राबी के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में यह भी बताया कि कश्मीर की महिला नेता लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिद सईद मदद की भारत से भारत के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह करने वाली थीं।इसके अलावा आतंकवाद विरोधी जांच एजेंसी ने अंद्राबी के दो सहयोगी सोफी फेमीदा और नहिदा नसरीन के खिलाफ के आतंकवाद विरोधी कानून के तहत, गैरकानूनी क्रियाकलाप रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपित किया है।

बता दें कि 56 वर्षीय अलगाववादी नेता ने जांचकर्ताओं के सामने खुलासा किया था कि वह पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नियमित संपर्क में थी। उनकी पाकिस्तान के पूर्व विदेश नीति सलाहकार सरताज अजीज, दिल्ली में पाकिस्तान के हाई कमिशन और पूर्व आईएसआई चीफ हामिद गुल के अलावा हाफिज सईद, हिजबुल चीफ सैयद सलाउद्दीन से भी उनकी बातचीत होती रही। आसिया नवाज शरीफ को भी एक पत्र लिख चुकी हैं। इसमें उन्होंने शरीफ से कहा था, ‘पाकिस्तान कश्मीर के लिए कुछ नहीं कर रहा है।’ इसके जवाब में शरीफ ने कहा था, ‘हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।’

अब आसिया के खिलाफ चार्जशीट में एएनआई लिखा, ‘आशिया के नेतृत्व वाली डीईएम एक आतंकवादी संगठन है जो भारत विरोधी गतिविधियों में लगी हुई है और पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों की सहायता से देश के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह के लिए कश्मीर की सामान्य जनसंख्या को उकसा रही है।’ एनआईए के प्रवक्ता ने एक बयान में बताया कि अंद्राबी, सोफी फहमीदा और नाहिदा नसरीन ट्वीटर, फेसबुक, यूट्यूब और पाकिस्तान समेत कुछ टीवी चैनलों जैसे विभिन्न मंचों का इस्तेमाल कर ‘भारत के खिलाफ बगावत के लिए भड़काने और नफरत भरे संदेश फैलाने तथा भाषण देने’ में संलिप्त थे। दुख्तरान ए मिल्लत को एक आतंकवादी संगठन के तौर पर प्रतिबंधित कर रखा है और यह संगठन अंद्राबी तथा अन्य लोग हिंसा के जरिए जम्मू कश्मीर के भारत से अलग होने और पाकिस्तान के साथ विलय की खुली हिमायत करता है।