कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को 4 पेज का पत्र लिखा और राहुल गांधी पर निशाना साधा। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राहुल गांधी के पार्टी में अहम पद संभालने के बाद वरिष्ठ नेताओं को कम तवज्जो मिली जबकि नए लोग पार्टी के लिए अहम फैसले लेने लगे। वहीं अटकलें लगाई जा रही हैं कि आजाद अब अपनी एक नई पार्टी बना सकते हैं और आने वाला जम्मू कश्मीर चुनाव लड़ सकते हैं।

कांग्रेस नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कहा कि उन्होंने अपने फेयरवेल के दौरान पीएम के भाषण और आंसुओं का ऋण चुकाया है। वहीं बीजेपी नेताओं ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी नेताओं के बहुत बुरे दिन आने वाले हैं। जम्मू कश्मीर से एक बड़े बीजेपी नेता ने न्यूज 18 से बात करते हुए कहा, “कांग्रेस लगभग विलुप्त हो चुकी है, प्रदेश में एनसी और पीडीपी के लिए सबसे बुरा दिन है।”

एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने न्यूज 18 से कहा, “कांग्रेस जम्मू क्षेत्र में बीजेपी के वोट बैंक को खा रही है। कांग्रेस के कमजोर होने से बीजेपी को जहां भी जगह मिलेगी, फायदा होगा। मुकाबला आजाद की नई पार्टी और राकांपा और पीडीपी के बीच होगा और सभी अपने विशिष्ट वोट आधार को लक्षित करेंगे। हमारे पास कांग्रेस के मतदाताओं को लुभाने का मौका होगा, जो पीडीपी या अन्य क्षेत्रीय पार्टी को कभी वोट नहीं देंगे।”

बीजेपी नेता ने कहा, “आजाद, फारूक अब्दुल्ला की पार्टी के विकल्प के रूप में उभर सकते हैं क्योंकि दोनों की छवि नरम राष्ट्रवादी है। साथ ही अब्दुल्ला ईडी के मामले का सामना कर रहे हैं और यूटी में एक अफवाह है कि दिल्ली में हमारे साथ उनकी कुछ सेटिंग है और उन्हें नुकसान हो सकता है। जम्मू-कश्मीर में एक और कारक है जैसा कि हमने अब्दुल्ला के साथ देखा है, केंद्र के करीब मानी जाने वाली पार्टी या पीएम को कुछ क्षेत्रों में फायदा मिलता है।”

गुलाम नबी आजाद ने अपने इस्तीफे में कहा है कि राहुल गांधी के राजनीति में प्रवेश के बाद, खासकर 2013 में उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद पार्टी के परामर्शी तंत्र को ध्वस्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर दिया गया और अनुभवहीन चापलूसों के ग्रुप को पार्टी के मामलों को जगह मिलने लगी।