Assam Beef Ban: असम की भाजपा सरकार के बीफ बैन के फैसले का एनडीए में ही विरोध शुरू हो गया है। केंद्र और बिहार में भाजपा की सहयोगी जनता दल यूनाइडेट (JDU) ने हिमंता सरकार के फैसले पर आपत्ति जताई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने इसे राजधर्म के विपरीत बताया है। साथ ही असम सरकार से फैसले को वापस लेने की मांग की है।
जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्त राजीव रंजन ने गुरुवार को कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है। लोगों को विकल्प देना चाहिए। सरकार को इससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए कि लोग क्या खाएंगे और क्या पहनेंगे। यह फैसला राजधर्म के खिलाफ है और समझ से परे है।
बिहार में एनडीए सरकार के 11 महीने के शासन में यह पहली बार है जब जेडीयू ने किसी बीजेपी शासित राज्य के फैसले का खुलकर विरोध किया है। केंद्र सरकार के वक्फ बोर्ड संशोधन बिल जैसे अन्य मुद्दों पर नीतीश की पार्टी अब तक या तो तटस्थ रुख अपना रही थी या फिर संभलकर बयान दे रही थी, लेकिव बीफ बैन के फैसले पर जेडीयू खुलकर विरोध में आ गई है।
जेडीयू के नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत का संविधान सभी को खाने-पीने की आजादी देता है। हम होटलों या सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं करते हैं। इससे समाज में तनाव फैलेगा, जो पहले से ही काफी ज्यादा है।
पिछले दिनों जेडीयू ने विभिन्न मुद्दों पर बीजेपी को घेरने की कोशिश की है। बुधवार को जेडीयू प्रवक्ता राजीन रंजन ने किसान आंदोलन पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के विचारों का समर्थन किया था।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने मुंबई में एक कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा था कि किसानों से किए गए वादे सरकार क्यों पूरे नहीं कर रही है? पिछले साल भी किसानों का प्रदर्शन हुआ। इस साल भी हो रहा है। वक्त बीतता जा रहा है, लेकिन हम कुछ नहीं कर रहे हैं। दूसरी ओर, देश में किसान आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ रहा है। वहीं दिल्ली में किसान संगठनों ने बड़े प्रोटेस्ट की धमकी दी है।
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