CBI Raid on Manish Sisodia: केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई ने शुक्रवार को सुबह दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 21 ठिकानों पर दिल्ली की नई आबकारी नीति मामले में छापेमारी की। सीबीआई की ओर से पिछले साल आई दिल्ली की नई आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनिमियतता बरतने के लिए एफआईआर भी दर्ज की गई है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी ने इसे साफतौर पर राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है।
आखिर क्यों सीबीआई ने मनीष सिसोदिया के ठिकानों पर मारा छापा
- सरकार की ओर से लिकर लॉबी से जुड़े लोगों के 144.36 करोड़ रुपए माफ करना, जिन्होंने लाइसेंस फीस टेंडर के लिए आवेदन किया था।
- इसके साथ ही इसकी जांच की जा रही है कि किस तरह से इस निर्णय को सही ठहराने के लिए नीति को तोड़ा गया।
- एयरपोर्ट पर शराब लाइसेंसधारियों से 30 करोड़ जब्त करने की जगह उन्हें वापस कर दिए।
- दिल्ली में आयतित बियर के दाम कम कर दिए गए।
- इसके साथ ही पुराने शराब लाइसेंसधारियों को अधिक समय देना।
- L7Z लाइसेंसधारी शराब विक्रेताओं को लाइसेंस फीस में डिफॉल्ट करने पर कोई भी कार्रवाई नहीं करना।
- दिल्ली की आबकारी नीति का लाइसेंसधारी शराब विक्रेताओं उल्लंघन किए जाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं करना।
दिल्ली सरकार की ओर से नई आबकारी नीति को पिछले साल अप्रैल में लाया गया था, जिसके कुछ महीने बाद कैबिनेट ने शराब कारोबारियों ने फायदा पहुंचाने के मकसद से ये निर्णय लिए थे। दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से यह आरोप लागए गए थे कि ऐसा तभी हो सकता है, जब मनीष सिसोदिया को रिश्वत दी गई हो। दिल्ली सरकार में आबकारी और वित्त जैसे विभाग उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास हैं।
कैसे हुआ नियमों का उल्लंघन?
कोविड महामारी के कारण दिल्ली सरकार ने कुछ शराब विक्रेताओं के समूह के 144.36 करोड़ रुपए टेंडर लाइसेंस फीस को माफ कर दिया गया। इस उपराज्यपाल ने आरोप लगाया है कि ये निर्णय के लिए शराब विक्रेताओं की ओर से कमीशन दिया गया था। सिसोदिया ने तब कथित तौर पर कैबिनेट से नीति में बदलाव करने के लिए अधिकृत करने के लिए एक निर्णय लेने के लिए कहा ताकि टेंडर लाइसेंस फीस की छूट को लागू किया जा सके।