बिहार के विधानसभा चुनाव के लिए तेज होते प्रचार के बीच जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर पर राजनीतिक विश्लेषकों की नजर टिकी हुई है। चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की पार्टी बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है।

बिहार के चुनाव को लेकर जनसत्ता को दिए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने तमाम सवालों के खुलकर जवाब दिए हैं।

प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार के 60% से ज्यादा लोग बदलाव चाहते हैं, चाहे वे किसी भी जाति, धर्म, वर्ग या किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हों।

बिहार चुनाव में ‘घुसपैठियों’ को मुख्य मुद्दा क्यों बनाना चाहती है BJP?

घुसपैठिए किशनगंज में आकर कैसे रहने लगे?

बीजेपी के द्वारा घुसपैठियों का मुद्दा उठाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल के बारे में प्रशांत किशोर ने कहा, “पिछले 11 सालों से यह कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सशक्त प्रधानमंत्री हैं। अमित शाह मजबूत गृहमंत्री हैं और देश की सीमाएं सुरक्षित हैं।” प्रशांत किशोर ने सवाल उठाया कि अगर देश की सीमाएं इतनी ही सुरक्षित हैं तो घुसपैठिए किशनगंज में आकर कैसे रहने लगे?

प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर बीजेपी यह मानती है कि बिहार में घुसपैठिए हैं तो यह केंद्र सरकार के गवर्नेंस पर बड़ा सवाल है।

देश भर में कई राजनीतिक दलों के लिए चुनावी रणनीति बना चुके प्रशांत किशोर ने कहा, “ये (बीजेपी के लोग) कहते थे कि कांग्रेस के रहते हुए घुसपैठिए आते हैं, हम लोग सरकार में आएंगे तो घुसपैठिए आने बंद हो जाएंगे। फिर तुम तो 15 साल से दिल्ली में हो और बिहार में भी हो। फिर घुसपैठिया आया कैसे और अगर आ गया तो यहां पर भी तुम्हारी सरकार है, वह यहां रह कैसे रहा है?”

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प्रशांत किशोर ने पिछले कुछ सालों में बिहार के लगभग सभी जिलों में यात्रा की है। उन्होंने समाज के सभी वर्गों के बीच जाकर बिहार में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, परिवारवाद जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाया है।

प्रशांत किशोर के मुताबिक, उनकी पार्टी का कहना है कि अगर समता मूलक समाज बनाना है तो नौकरियों में आरक्षण के साथ-साथ संख्या के आधार पर राजनीतिक भागीदारी और शिक्षा, जमीन और पूंजी में हिस्सेदारी जरूरी है।

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