लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अभी तक इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के बीच सीट शेयरिंग नहीं पाई है। यूपी में समाजवादी पार्टी की तरफ से कांग्रेस को ग्यारह सीटें देने का ऐलान किया है, जिसे राहुल गांधी की पार्टी मानने को राजी नहीं है। यूपी कांग्रेस के तमाम नेता इससे खुश नहीं हैं। हालात तो ये हैं कि सियासी जानकार कहने लगे हैं कि यूपी में बंगाल जैसा परिदृश्य पैदा हो सकता है।

सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश सभी दलों के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। यहां अभी सपा और कांग्रेस के बीच सीटों पर चर्चा चल रही है लेकिन इस समय चल रही बातचीत का कोई रिजल्ट निकलता दिखाई देता नहीं दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कांग्रेस की तरफ से सीट शेयरिंग में हो रही देरी को सपा एक तरह की ब्लैक मेलिंग के रूप में देखती है। दूसरी तरफ कांग्रेस की तरफ से सपा से ऐसी सीटों की डिमांड की जा रही है, जहां अखिलेश की पार्टी ज्यादा मजबूत है।

क्या है पूरा मांजरा?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कांग्रेस की तरफ से सपा से 28 सीटों की डिमांड की गई है। इन 28 सीटों में से 10 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिमों की जनसंख्या काफी ज्यादा है। दरअसल कांग्रेस पार्टी उन सीटों के लेकर ज्यादा इच्छुक है, जिन्हें उसने 2009 के लोकसभा चुनाव में जीता था। कांग्रेस ने जिन 28 सीटों की डिमांड की है, वह उनमें से कम से कम 20 पर चुनाव लड़ना चाहती है। उसे भरोसा है कि यहां परिणाम उसके पक्ष में हो सकते हैं।

पूर्वांचल में कांग्रेस पार्टी की नजर बलिया और भदोही सीटों पर है, जहां वो क्रमश: अजय राय और राजेश मिश्रा को प्रत्याशी बनाना चाहती है। कांग्रेस सुप्रिया श्रीनेता को महराजगंज लोकसभा से प्रत्याशी बनाना चाहती है जबकि डुमरियागंज, बहराइच और बाराबंकी भी कांग्रेस के रडार पर हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी पीएल पुनिया के बेटे तनुज को बाराबंकी से चुनाव लड़ा सकती है।

इसके अलावा कांग्रेस उन्नाव, कानपुर, खीरी, रामपुर और मुरादाबाद सीटों पर भी दावेदारी कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस फर्रुखाबाद से टिकट चाहती हैं और कांग्रेस किसी भी हाल में सपा से सलमान खुर्शीद के लिए यह सीट चाहती है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी अपने गढ़ रायबरेली और अमेठी तो चाहती ही है।

क्या है सपा का रुख?

समाजवादी पार्टी कांग्रेस को जो सीटें देने चाहती है, उनमें आगरा, फतेहपुर सीकरी, गाजियाबाद, बुलंदशहर, सहारनपुर, गौतमबुद्धनगर और वाराणसी शामिल हैं। खबर है कि सपा ने कांग्रेस को यह क्लीयर कर दिया है कि मुस्लिम और यादव बहुल लोकसभा क्षेत्रों के अलावा फर्रुखाबाद भी आजम खान के बिना जीती नहीं जा सकती है। इसलिए इन सीटों पर आजम खान से बात किए बिना कोई चर्चा नहीं होगी।