बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें समझ नहीं आता है कि कोई इतिहास कैसे बदल सकता है? इतिहास यही है। सोमवार (13 जून) को जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने गृहमंत्री के बयान पर कहा कि मुझे समझ नहीं आता है कि कोई इतिहास कैसे बदल सकता है? भाषा एक अलग मुद्दा है, लेकिन आप मौलिक इतिहास को नहीं बदल सकते हैं। इतिहास, इतिहास है।
दरअसल, अमित शाह ने कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में देश के इतिहासकारों से अतीत के गौरव को पुनर्जीवित करने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि इससे उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में मदद मिलेगी। वहीं, दूसरी ओर सीएम नीतीश ने नूपुर शर्मा के विवादस्पद बयान पर बीजेपी की कार्रवाई को पर्याप्त बताते हुए विरोध-प्रदर्शन को अनावश्यक बताया।
हंगामे की क्या जरूरत: जेडीयू नेता ने कहा कि भाजपा ने जब नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई कर दी है और पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है तो फिर इस तरह हंगामे की क्या जरूरत है? बिहार में इसे लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जबरदस्ती झगड़ा कराना चाहते हैं। हर चीज स्वभाविक हो, यह जरूरी नहीं है। कितना भी कुछ कर लीजिए कुछ लोग झगड़ा करवाते ही रहेंगे।
इस संबंध में खबर नहीं छापो: वहीं, राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि यह अंदरूनी बातचीत है। ये तो होगा, तभी सामने आएगा। अभी तो किसी चीज के बारे में कोई बात नहीं आई है कि कौन कैंडिडेट होंगे, किस तरफ से कौन कैंडिडेट होगा? क्या आप राष्ट्रपति बनना चाहते हैं? इस सवाल के जवाब में नीतीश कुमार ने कहा, “न इच्छा है न दिलचस्पी। इस संबंध में खबर नहीं छापिएगा।”
अमित शाह का बयान: अमित शाह ने कहा था कि संस्कृति को बचाने के लिए लोगों ने बलिदान दिया, लेकिन कुछ लोगों ने इतिहास को गलत तरीके से लिखा। सच को रोका नहीं जा सकता। उन्होंने कहा था कि इतिहास को बदल देना सिर्फ सरकार का विषय नहीं है, जरूरत है कि लोग भी इसके बारे में पढ़ें, शोध करें और सच को उजागर करें। साथ ही गलत धारणाओं को दूर करें। गृहमंत्री ने कहा था कि कई सारे साम्राज्य हुए जैसे चालुक्य, अहोम, पल्लव आदि, लेकिन इतिहासकारों ने केवल मुगल साम्राज्य के बारे में ही लिखा। इन सब पर संदर्भ ग्रंथ लिखने की जरूरत है। सच अपने आप सामने आ जाएगा।