हिमाचल प्रदेश और केंद्र में दोनों जगह भाजपा की सरकार है। राज्य सरकार कोविड टीकाकरण के प्रचार में लाखों रुपये खर्च कर चुकी है तो केंद्र सरकार सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर लगा रही। इसको लेकर कांग्रेस पार्टी समेत विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण से जुड़े विज्ञापनों पर अब तक 78 लाख रुपये खर्च किये हैं। दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने कोविड-19 रोधी टीका लगवाने के बाद जारी प्रमाणपत्र में पीएम मोदी के संदेश के साथ तस्वीर को “व्यापक जनहित” में बताया है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान सदन में कांग्रेस सदस्य जगत सिंह नेगी के एक सवाल का जवाब देते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कोविड महामारी से जुड़े विज्ञापनों पर इस साल 30 जून तक कुल 78,04,165 रुपये खर्च किये गये। ठाकुर ने कहा कि समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में विज्ञापनों पर 48,15,185 रुपये, समाचार वेबसाइट और वेब पोर्टल पर 9,70,000 रुपये तथा 228 होर्डिंग पर 20,18,980 रुपये खर्च किये गये। उधर, राज्य सभा में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती पवार ने एक लिखित जवाब में कहा कि कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों का प्रारूप मानकीकृत हैं और प्रमाणपत्रों संबंधी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विकसित दिशानिर्देशों के अनुरूप है। कांग्रेस के कुमार केतकर ने सरकार से जानना चाहा था कि क्या कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर मुद्रित करना अवश्यक और अनिवार्य है।
इसके जवाब में पवार ने कहा कि महामारी के बदलते स्वरूपों के मद्देनजर कोविड संबंधी उचित व्यवहार का पालन करना इस रोग के प्रसार को रोकने के लिए एक सबसे महत्वपूर्ण उपाय के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा, “टीकाकरण प्रमाणपत्रों में प्रधानमंत्री के संदेश के साथ फोटो व्यापक जनहित में टीकाकरण के बाद भी कोविड-19 उचित व्यवहार का पालन करने के महत्व के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के संदेश पर बल देता है।”
पवार ने कहा कि यह सरकार की नैतिक और नीतिगत जिम्मेदारी है कि इस प्रकार के महत्वपूर्ण संदेश लोगों तक सबसे प्रभावी ढंग से प्रसारित किए जाएं। उन्होंने कहा, “टीकाकरण के बाद भी कोविड उचित व्यवहार के महत्व के बारे में संदेश सहित टीकाकरण प्रमाणपत्रों संबंधी डब्ल्यूएचओ मानदंडों के अनुपालन में टीकाकरण प्रमाणपत्रों के प्रारूप का निर्णय इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या किसी राज्य ने प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर नहीं छापी है, पवार ने कहा कि सभी राज्य कोविड टीकाकरण के लिए कोविन एप्लीकेशन का उपयोग कर रहे हैं। हालांकि केंद्रीय मंत्री ने केतकर के उस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्या किसी सरकार ने पहले भी पोलियो, चेचक इत्यादि जैसे किन्हीं टीकों के प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर का मुद्रण आवश्यक या अनिवार्य बनाया था।