Himachal Election : हिमाचल प्रदेश (Himachal Election) में कांग्रेस हाल ही में पूरे हुए विधानसभा चुनाव में कम दिलचस्पी लेने के लिए गांधी परिवार से निराश नजर आ रही है । राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) दोनों ने चुनाव के दौरान राज्य का एक भी दौरा नहीं किया हालांकि प्रियंका वाड्रा (Priyanka Vadra) चुनाव के दौरान प्रदेश दौरे पर रहीं लेकिन उनके प्रयास भी कम थे। उन्होने पहले ही कह दिया था कि क वह सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा नहीं कर सकती है। 

“भाजपा में नेता पार्टी को ढोते हैं और कांग्रेस में पार्टी नेताओं को”

 हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व ने 42 ऐसी सीटों की एक सूची तैयार की थी जिनमें  करीबी मुकाबला होने की उम्मीद थी। हालांकि प्रियंका गांधी केवल एक दर्जन जिलों में रैलियां  करने के लिए सहमत हुईं और आखिरकार इस कार्यक्रम को भी चार लोकसभा क्षेत्रों में बैठकों के लिए तैयार कर दिया गया। इसके उलट बीजेपी ने प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से बागी  उम्मीदवारों को फोन करके उन्हें मैदान से हटने का आग्रह किया और उन्होंने कई रैलियों को संबोधित किया। अमित शाह ने बड़ी संख्या में विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा जो हिमाचल से हैं ने ग्रामीण स्तर पर भी प्रचार किया।  एक कांग्रेसी विधायक ने नाराजगी जताते हुए कहा कि भाजपा में नेता पार्टी को आगे बढ़ाते हैं जबकि कांग्रेस में इसके विपरीत है।

भाजपा ने पूरी ताकत से किया प्रचार

जहां गांधी परिवार को लेकर स्थानीय नेताओं में नारजगी देखने को मिल रही है वहीं भाजपा ने हिमाचल चुनाव में आंतरिक बगावत के बावजूद पार्टी को एकजुट करने के पूरे प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री मोदी सहित पार्टी के तमाम नेता ग्राउंड पर दिखाई दिए। प्रधानमंत्री मोदी ने कई सभाएं कर प्रदेश भाजपा के लिए काम आसान किया वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने भी प्रदेश में चुनावी दौरे किए। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा हिमाचल से हैं। उन्होने भी इस दौरान प्रदेश के कई इलाकों का दौरा किया। इसके उलट राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त दिखाई दिए। उनके हिमाचल चुनाव में गयाब रहने के बाद अब प्रदेश कांग्रेस की नारजगी सामने आने लगी है।