श्री कृष्ण की जन्मभूमि वृंदावन में इन दिनों दुनिया के सबसे ऊंचे बनाए जा रहे चंद्रायन मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यहां देसी और विदेशी शिल्पकारों का आना शुरू हो गया है। इस मंदिर का निर्माण कर रही अंतरर्राष्ट्रीय कृष्ण भावामृत संघ (इस्कान) का दल इन दिनों दिल्ली में मंदिर निर्माण की जानकारियां आम लोगों को देने में जुटा है। मंदिर का निर्माण पूर्ण रूप से पौराणिक कृष्ण के वृंदावन की कल्पना को साकार करेगा।

मंदिर के निर्माण में पौराणिक और आधुनिक स्थापत्य कला का बेजोड़ संगम होगा। जो निर्माण के बाद विश्व के सबसे ऊंचे और भव्य धार्मिक स्थल के रूप में अपनी पहचान कायम करेगा। इसके चारों ओर फलदार वृक्षों से वन निर्मित किए जाएंगें। ये वन करीब 26 एकड़ में फैले होंगे। खास बात ये है कि वन निर्माण में ब्रज के 12 वन क्षेत्र (द्वादश कानन) शामिल होंगें।

स्वप्न नगरी सा बसाने का होगा प्रयास
मंदिर के वन क्षेत्र को कुछ वैसा ही बनाने का प्रयास किया जाएगा जैसा विवरण कृष्ण साहित्य में मिलता है। पूरी तरह से तैयार होने के बाद यह मंदिर कृष्ण भक्तों की वृंदावन की कल्पना को पूरी तरह से साकार करेगा। वन क्षेत्र में औषधीय वनस्पति की विभिन्न किस्में लगाई जाएंगी। फलदार वृक्षों के अलावा ऐसे पेड़ भी लगाए जाएंगे जो पक्षियों के आकर्षित करेंगे। करलव और स्तुतिगान से यह क्षेत्र गुंजित होगा। फूलों से लदी लताओं की बीच जाने वालों को ऐसा लगेगा मानो कृष्ण कहीं आस-पास ही रास में मग्न हैं। वनों के अलावा साफ जल वाले तालाब, तालाब में कमल और कुमुद के फूल होंगे। यहां चारों और कृत्रिम पहाड़ियां और झरने भी बनाए जाएंगे।

लिफ्ट कराएगी ब्रह्मांड की सैर
लिफ्ट को कुछ इस प्रकार बनाया जाएगा जिससे गुजरने पर यह वैदिक साहित्य में वर्णित ब्रह्मांड में विचरण जैसा आभास होगा। इसके लिए तीन आयामी (थ्री डी) ध्वनियां और प्रकाशीय व्यवस्था होगी। इन प्रणालियों के जरिए अलग अलग ग्रह के भ्रमण सा आभास होगा। सबसे अंत में लिफ्ट 700 फीट की ऊंचाई से संपूर्ण बृज मंडल दिखाया जाएगा।