राज्यसभा चुनावों में निर्दार्लीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने कांग्रेस को जोर का झटका दिया है। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की तय मानी जा रही जीत को हार में बदल दिया। इस घटनाक्रम ने राजनीति के बड़े- बड़े धुरंधरों को दिया कि कैसे 10 दिन पहले राजनीति में आए कार्तिकेय शर्मा ने दिग्गज कांग्रेस नेता को हरा दिया। आइए जानते हैं कार्तिकेय शर्मा की कहानी…
41 वर्षीय शर्मा जेसिका लाल हत्याकांड में दोषी ठहराए गए मनु शर्मा के भाई हैं और कांग्रेस से निष्कासित नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे हैं। पेशे से एक व्यवसायी और मीडिया प्रोपराइटर शर्मा ने बी.एससी. (ऑनर्स) ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट में और किंग्स कॉलेज, लंदन से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स की पढ़ाई की है।
उन्होंने 2007 में आईटीवी नेटवर्क की स्थापना की। उनका समाचार नेटवर्क भारत के प्रमुख समाचार नेटवर्कों में से एक है जो कई अंग्रेजी और हिंदी न्यूज चैनलों और स्थानीय दैनिक समाचार पत्रों का संचालन करता है। आईटीवी नेटवर्क के पास अंग्रेजी में राष्ट्रीय चैनल न्यूजएक्स और हिंदी में इंडिया न्यूज है जबकि क्षेत्रीय भाषाओं में इंडिया न्यूज हरियाणा, इंडिया न्यूज मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, इंडिया न्यूज पंजाब और इंडिया न्यूज उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे न्यूज चैनल हैं।
शर्मा की गुड़गांव, दिल्ली, चंडीगढ़ और पंजाब के कई पांच सितारा होटलों में भी हिस्सेदारी है। उनके चुनावी हलफनामे के अनुसार, कार्तिकेय के पास 390.63 करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसमें पिकाडिली होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के 14.60 करोड़ रुपए, सून-एन-श्योर होल्डिंग्स लिमिटेड के 35.04 लाख रुपए और मार्क बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के 367.65 करोड़ रुपए के शेयर शामिल हैं।
शर्मा को 23 मई, 2018 को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, बोरीवली, मुंबई की अदालत द्वारा तीन चेक बाउंस मामलों में नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 और 141 के तहत दोषी ठहराया गया था। उन्होंने हलफनामे में उल्लेख किया है कि दो मामलों में, उन्हें 7.25-7.25 लाख रुपए के जुर्माने के साथ छह महीने के साधारण कारावास सजा सुनाई गई थी। तीसरे मामले में उन्हें छह महीने के साधारण कारावास और 14 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।
हरियाणा से राज्यसभा चुनाव के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करते समय शर्मा को दुष्यंत चौटाला की जजपा के 10 विधायकों का समर्थन प्राप्त था।
राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने पूर्व परिवहन मंत्री और पांच बार के विधायक कृष्ण लाल पंवार को नामित किया था और कांग्रेस ने एआईसीसी महासचिव अजय माकन को चुना था। पंवार को भाजपा के 31 मत स्पष्ट होने के कारण दूसरी सीट के लिए कड़ा मुकाबला था।
जैसे ही मतदान की तारीख नजदीक आई शर्मा के समर्थन में भाजपा, इनेलो, एचएलपी और निर्दलीय विधायक खुलकर सामने आ गए और वह कांग्रेस के अजय माकन को हराने में सफल रहे।