Haryana Vidhan Sabha Chunav 2024: आज चुनाव आयोग ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के पूरे कार्यक्रम का ऐलान कर दिया है। राज्य की 90 विधानसभा सीटों पर एक फेज में वोटिंग होगी। चुनावी कार्यक्रम के मुताबिक 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी और 4 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे। हरियाणा में पिछले दस साल से बीजेपी शासन में हैं लेकिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के बाद आए नतीजों में बीजेपी को हुए 5 सीटों के नुकसान ने कांग्रेस में एक जान सी फूंक दी है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस बार हरियाणा का चुनाव ऐतिहासिक होगा।
चुनावी कार्यक्रम बताता है कि विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी तय करने के लिए राजनीतिक दलों को दो हफ्ते के करीब का समय दिया गया है। बीजेपी राज्य में सत्ता में हैं और उसका कड़ा मुकाबला कांग्रेस से हैं, जिसने लोकसभा चुनावों के दौरान 5 सीटें जीतकर बीजेपी के पैरों तले से जमीन खिसका दी थी।
Haryana Chunav में BJP से आगे हैं कांग्रेस?
सत्ताधारी बीजेपी चुनावी रणनीति बनाने को लेकर शनिवार को दिल्ली में अहम बैठक करने वाली है, तो दूसरी ओर कांग्रेस कुछ ज्यादा एडवांस लग रही है। इसकी वजह यह है कि रोहतक से कांग्रेस सांसद दीपेंदर सिंह हुड्डा और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा जन समर्थन जुटाने के लिए जमीन पर प्रचार में जुट गए हैं। इसके अलावा नेता विपक्ष भूपिंदर सिंह हुड्डा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उदय भान भी अपने-अपने लेवल पर चुनावी समीकरणों को साधने में जुटे हुए हैं।
Haryana Vidhan Sabha Chunav: कहां खड़ी हैं BJP कांग्रेस और AAP
ध्यान दिला दें कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने राज्य की पांच सीटें गंवा दी थी, और कांग्रेस शून्य से 5 सीटों पर पहुंच गई थी। विधानसभा क्षेत्र के आधार पर लोकसभा चुनावों का विश्लेषण करें तो राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 44 पर बीजेपी आगे थी जबकि कांग्रेस 42, चार पर आम आदमी पार्टी, 4 सीटों पर आगे थी। जेजेपी और INLD को कुछ खास लाभ होता नजर नहीं आया था।
Haryana में 2019 में बीजेपी को लगा था झटका
बीजेपी के लिए यह विधानसभा चुनाव पांच साल बाद काफी अलग लग रही है। सत्तारूढ़ पार्टी ने पांच साल पहले सभी 10 लोकसभा सीटें जीती थीं, लेकिन कुछ महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में उसे 2019 में टक्कर मिली थी। पार्टी उस दौरान 46 के बहुमत वाले आंकड़े तक पहुंचने में विफल रही थी। पार्टी के हिस्से 40 सीटें आईं थी, जबकि 2014 में उसे 47 सीटें मिली थीं। 2019 में तो सीएम मनोहर लाल खट्टर की कैबिनेट के कई मंत्री तक हार गए थे।
बीजेपी ने 2019 में जेजेपी से गठबंधन किया था लेकिन साढ़े चार साल 2024 की शुरुआत में यह गठबंधन तोड़ लिया। इसके अलावा बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया, ताकि सरकार को नए कलेवर के साथ चुनाव में भेजा जाए, और सत्ता विरोधी लहर का असर कुछ कम हो सके।
कांग्रेस को लोकसभा चुनाव ने दी उम्मीद
बात कांग्रेस की करें तो लोकसभा चुनाव में 5 सीटें जीतने के बाद कांग्रेस को एक नई उम्मीद मिली है। कांग्रेस को उम्मीद है कि वह बीजेपी को सत्ता से हटाने में कामयाब हो सकती है। हालांकि कांग्रेस को अगर सत्ता में आना है, तो उसे पार्टी में आंतरिक कलह को खत्म करना होगा, जो कि राज्य के स्तर पर विभिन्न गुटों में बंटी हुई है।
AAP और अन्य बिगाड़ेंगे किसका खेल?
खास बात यह भी है कि इस बार आम आदमी पार्टी भी राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। पंजाब के सीएम भगवंत मान से लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के नेतृत्व में आप राज्य में चुनाव प्रचार कर रही है। इसके अलावा अभय चौटाला के नेतृत्व वाली इनेलो और गोपाल कांडा के नेतृत्व वाली हरियाणा लोकहित पार्टी भी चुनावी मैदान में ताल ठोक रही हैं। गोपाल कांडा ने बीजेपी सरकार को समर्थन दे रखा है। वहीं बीएसपी भी इस बार राज्य में दम-खम के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है।