हरियाणा के मानेसर में रविवार ( 3 जुलाई, 2022) को मंदिर में आयोजित एक पंचायत ने हिंदू समाज का प्रतिनिधित्व करने का दावा करते हुए “मुस्लिम दुकानदारों और विक्रेताओं” के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान किया। प्रशासन को अल्टीमेटम देते हुए पंचायत ने आग्रह किया कि वे अपने-अपने गांवों में मुस्लिम व्यापारियों के आर्थिक बहिष्कार को लागू करने के लिए ग्राम स्तरीय समितियां बनाएं।

पंचायत में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के सदस्यों सहित 200 से अधिक लोगों ने भाग लिया। बैठक में मानेसर, धारूहेड़ा और गुड़गांव के आसपास के गांवों के लोग भी शामिल थे। पंचायत सदस्यों ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया कि अवैध अप्रवासियों को बेदखल किया जाए।’इसकी तत्काल जांच होनी चाहिए और अवैध रूप से रहने वालों को बेदखल किया जाना चाहिए। वे धर्मांतरण में शामिल हैं और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।’

विहिप मानेसर के महासचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि देश में जड़ें जमा चुकी ‘धार्मिक कट्टरवाद’ और ‘जिहादी ताकतों’ के खिलाफ आवाज उठाने के लिए क्षेत्र में हिंदू समाज की ओर से पंचायत बुलाई गई थी।

सिंह ने कहा, ‘हिंदुओं को मार दिया जा रहा है। कई रोहिंग्या, बांग्लादेशी और यहां तक ​​कि पाकिस्तानी भी अपनी असली पहचान छुपाकर गुड़गांव और मानेसर में अवैध रूप से रह रहे हैं। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसाय स्थापित किए हैं। हमने प्रशासन को इसकी जांच करने और अवैध दस्तावेज रखने वालों की पहचान करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है..अगर कार्रवाई नहीं हुई तो हिंदू समाज कार्रवाई करेगा। एक और पंचायत को बड़े पैमाने पर बुलाया जाएगा और भविष्य की कार्रवाई तय की जाएगी’।

पंचायत के कई वक्ताओं ने मुस्लिम विक्रेताओं के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान करते हुए आरोप लगाया कि मानेसर में मुसलमानों द्वारा संचालित कई जूस की दुकानों और सैलून में एक साजिश के तहत हिंदू देवताओं के नाम थे।

देवेंद्र सिंह ने कहा, ‘आर्थिक बहिष्कार ही एकमात्र उपाय है। इनकी कट्टरता और इनके जिहाद को देखते हुए हमें ये कदम उठाना पड़ेगा।’ हमने इसको मानेसर से शुरू कर दिया है।