कोरोना वैक्सीन का इंतजार सभी को है। इस बीच हरियाणा सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एक खत लिखकर सिफारिश की है कि वैक्सीन आने पर पहले माननीयों को इसे लगाया जाए। राज्य के सांसदों, विधायकों को पहले वैक्सीन लगाने के पीछे यह दलील दी गई है कि चूकि सांसद और विधायक जनप्रतिनिधि हैं और वो लोगों से अक्सर मिलते रहते हैं, लिहाजा कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन की प्राथमिकता सूची में उन्हें शामिल किया जाना चाहिए।
यहां आपको बता दें कि हरियाणा में इस वक्त 10 सांसद हैं। इनमें से 3 केंद्रीय मंत्री भी हैं। 90 विधायक हैं और पांच राज्यसभा सांसद भी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी गई सिफारिश में राज्य की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने कहा है कि हरियाणा सरकार चाहती है कि पहले सांसदों और विधायकों को इसे लगाया जाए। हालांकि इस खत में मेयर, बोर्ड एवं निगमों के चेयरमैन अथवा जनप्रतिनिधि के नाते किसी सरपंच, जिला परिषद चेयरमैन या अधिकारियों को प्राथमिकता सूची में शामिल करने की सिफारिश नहीं की गई है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने कुछ ही दिनों पहले कहा था कि देश में कोरोना से लड़ने वाली वैक्सीन जल्द आ सकती है। वैक्सीन के वितरण के लिए जो योजना केंद्र सरकार ने बताई थी उसके मुताबिक सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर औऱ 50 से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाने की बात कही गई थी। इस सूची में 50 साल से कम उम्र के वैसे लोगों को भी शामिल किया गया था जो गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं।
सेना, पुलिस, फायर ब्रिगेड, नगर निगम जैसे सेक्टर्स इसका हिस्सा होंगे। ये वो लोग हैं जिन्होंने देश की डिफेंस और सिविक जरूरतों का महामारी के वक्त ध्यान रखा है, इसलिए कोविड वैक्सीन की लिस्ट में उनका नंबर दूसरा होगा। कहा जा रहा है कि इस लिस्ट में माननियों को चौथे नंबर पर रखा गया है।
बता दें कि कोरोना के वैक्सीन वितरण के लिए सभी राज्यों में राज्य स्तर पर संचालन समिति और टास्क फोर्स का गठन हो चुका है। इसके साथ ही जिला और ब्लॉक स्तर पर भी टास्क फोर्स बनाया गया है।