Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा चुनाव अपने रंग में नजर आ रहा है। सभी पार्टियों जोर अपना दम लगा रही हैं। जहां सत्तारूढ़ बीजेपी ने बहुत से विधायक और मंत्रियों के टिकट काटे हैं तो वहीं कांग्रेस ने भी कई नए चेहरों पर दांव लगाया है। इस बार बीजेपी अपने गढ़ दक्षिण हरियाणा और जीटी इलाके में बीजेपी के चक्रव्यूह से पार पाने के लिए कांग्रेस ने रणनीति बनाई है, जिसमें जिताऊ उम्मीदवारों पर विश्वास जताया है।
गुड़गांव की रेवाड़ी विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने अपने पुराने दिग्गज अजय सिंह यादव के बेटे पर एक बार फिर दांव लगाया है जबकि बीजेपी ने कोसली से वर्तमान विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को रेवाड़ी से मैदान में उतारा है।
साल 2014 में बीजेपी की पूरे प्रदेश में लहर चल रही थी। जिसका प्रभाव रहा कि बीजेपी दक्षिण हरियाणा और जीटी इलाके में मजबूत प्रदर्शन किया। जिसके परिणाम स्वरूप राज्य में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी। बीजेपी के खाते में 90 विधानसभा वाली सीट में से 47 आई और सरकार बनी।
2014 में पहली बार जीती बीजेपी
2014 में रेवाड़ी में भी बीजेपी ने पहली बार कमल खिलाया और रणधीर सिंह कापड़ीवास जीत कर विधानसभा पहुंचे। रणधीर ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और 5 बार के विधायक अजय सिंह को करारी मात दी थी। इस चुनाव में अजय सिंह तीसरे स्थान पर आ गए थे। दूसरे स्थान पर इनेलो प्रत्याशी सतीश यादव थे।
बागी नेता के वजह से हार गई बीजेपी
हालांकि बीजेपी साल 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में 14 की कहानी नहीं दोहरा पाई। इस बार अजय ने अपने बेटे चिरंजीव को मैदान में उतारा। बीजेपी के सुनील यादव चिरंजीव से हार गए। हालांकि सुनील यादव महज 1,317 वोटों से हारे। उसके पीछे मुख्य वजह ये भी थी कि 2014 के बीजेपी विधायक रणधीर बागी होकर चुनाव लड़े थे। उनको भी 36, 778 वोट मिले थे।
कांग्रेस की दबदबा वाली सीट है रेवाड़ी
रेवाड़ी सीट वैसे तो कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। रेवाड़ी विधानसभा सीट पर साल 1991 से कांग्रेस का कब्जा है। पिछले 7 में से 6 चुनाव कांग्रेस ने जीता है। बस 2014 के चुनाव में बीजेपी को यहां से सफलता मिली थी। अजय सिंह यादव कांग्रेस के दिग्गज नेता है। वो लालू यादव के समधी भी हैं। उनके बेटे चिरंजीव राव रेवाड़ी से कांग्रेस वर्तमान विधायक और प्रत्याशी भी है।
चिरंजीव राव की शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की बेटी से हुई है। यानी हरियाणा में भी लालू यादव की इज्जत दांव पर लगी है।