Haryana CM Manohar Lal Khattar: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर एक बार फिर अपने विवादित बयान की वजह से सुर्खियों में हैं। खट्टर के बयान के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस उन पर आक्रामक हो गई है। भिवानी में एक कार्यक्रम के दौरान खट्टर ने हाई कोर्ट के जज को लेकर विवादित बयान दिया था। जनसंवाद के दौरान जब खट्टर से पूछा गया कि पुलिस भर्ती में अभी तक सभी उम्मीदवारों को नियुक्ति क्यों नहीं मिली। इस सवाल के जवाब में खट्टर ने कहा कि आपमें से कुछ लोग थे, जो कोर्ट चले गए और जज ने स्टे लगा दिया। इस दौरान खट्टर ने कहा, ‘एक जज हैं, उनके माथे में कुछ गड़बड़ है उसे जल्द ठीक करेंगे। तीन हजार उम्मीदवारों की ज्वॉइनिंग हो गई है, बाकी की उम्मीदवारों की जल्द ज्वॉइनिंग करा दी जाएगी।

वायरल वीडियो में खट्टर को 2019 हरियाणा पुलिस कांस्टेबल भर्ती के संबंध में दर्शकों के एक सवाल के संबंध में टिप्पणी करते हुए कथित तौर पर देखा गया है। वीडियो में खट्टर कह रहे हैं, ‘ वो (समस्या) हल हो जाएगी। वो एक जज है, उसके माथे में कुछ गड़बड़ है। उसको ठीक करेंगे । मुझे सभी मामले मिल गए हैं। पांच में से तीन हजार की ज्वॉनिंग हो गई है। बाकी जो दो हजार बचें हैं, उनकी भी जल्द ज्वॉइनिंग हो जाएगी। इस मामले में कोर्ट का फैसला जल्द आएगा।’

सूत्रों के मुताबिक, खट्टर हरियाणा में पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती से जुड़े 2019 के मामले का जिक्र कर रहे थे। अनियमितताओं के आरोपों के कारण भर्ती को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने कहा कि भरे जाने वाले 5,000 पदों में से कम से कम 833 उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक्स सत्यापित नहीं किए जा सके। अभी मामला हाईकोर्ट में लंबित है।

खट्टर बोले- मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं

विवादित टिप्पणी के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में खट्टर ने सोमवार को कहा, ‘मैं अदालतों का सम्मान करता हूं। मैंने तुरंत यह भी कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि अदालत का जो भी फैसला होगा वही अंतिम फैसला होगा। न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच संतुलन बनाकर ही चीजें आगे बढ़ती हैं। सभी लोक कल्याण में काम करते हैं। यह एक अत्यधिक देरी से संबंधित प्रश्न था, एक परीक्षा हुई और परिणाम भी घोषित किया गया, लेकिन (अदालत द्वारा) रोक लगा दी गई। इस प्रकार, एक अप्राकृतिक टिप्पणी सामने आई जो मुझे लगता है कि नहीं की जानी चाहिए थी।”

खट्टर ने कहा आगे कहा, “भले ही कोई बात किसी विशेष न्यायाधीश तक पहुंची हो, मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूं, लेकिन मेरा इरादा था कि इस देरी से हजारों लोग प्रभावित हैं और उन्हें अपने प्रशिक्षण के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल रहा है। कल की जनसभा में ऐसे तमाम लोग भी आए, जो नौकरी पर नहीं जा पाए थे। इस प्रकार, एक गलत टिप्पणी की गई (मेरे द्वारा) जिसके लिए मुझे खेद है।”

कांग्रेस बोली- CJI लें मामले का स्वत: संज्ञान, जारी करें अवमानना नोटिस

रविवार को खट्टर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे “न्यायपालिका पर सीधा हमला” बताया। खट्टर की टिप्पणी की तीखी निंदा करते हुए, उन्होंने मांग की कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश इस मामले का संज्ञान लें और हरियाणा के मुख्यमंत्री को अवमानना ​​नोटिस जारी करें।

सुरजेवाला ने कहा, “आयोग के अध्यक्ष स्वीकार कर रहे हैं कि आयोग 833 उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक्स को सत्यापित नहीं कर सका। साथ ही, सरकार यह भी नहीं बता सकी कि जून 2019 में शुरू की गई एक भर्ती अभी तक पूरी क्यों नहीं हुई है। मुख्यमंत्री किसी भी चीज के लिए जज को कैसे दोषी ठहरा सकते हैं? बल्कि, उन्हें (खट्टर) स्पष्ट करना चाहिए कि जब कोई भर्ती लगभग चार साल से पूरी नहीं हुई है तो गलती किसकी है – सरकार या फिर अदालत की।”

सुरजेवाला की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए खट्टर ओएसडी (OSD) जवाहर यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री को न्यायपालिका में विश्वास है और वह अदालत का सम्मान करते हैं। खट्टर के ओएसडी ने रविवार को द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “वीडियो में सीएम साहब ने यह भी कहा कि हम अदालत का सम्मान करते हैं और अदालत का जो भी फैसला होगा, वह हमारे लिए अंतिम होगा। रणदीप सुरजेवाला ने वीडियो में कुछ चीजों से छेड़छाड़ की है। रणदीप सुरजेवाला कोर्ट का कितना सम्मान करते हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोर्ट के फैसले से पहले ही वह नौकरियों में अनियमितताओं के आरोप लगा देते हैं. वह (सुरजेवाला) अदालत का सम्मान नहीं करते हैं।