राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने गुजरात के बनासकांठा जिले में मरी हुई गाय की खाल उतारने से इनकार करने पर एक गर्भवती दलित महिला की कथित तौर पर पिटाई की घटना पर चिंता जताते हुए रविवार को कहा कि राज्य प्रशासन दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करे। आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया ने एक बयान में कहा कि ऊना की घटना के बाद एक बार फिर ऐसी घटना हुई। मरी गाय की खाल नहीं उतारने पर गभर्वती महिला की निर्मम पिटाई बहुत शर्मनाक है। यह इस बात को दिखाता है कि राज्य प्रशासन दलितों की रक्षा करने में विफल रहा है। इस घटना के दोषियों पर प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
पूनिया ने कहा- हम जल्द ही राज्य और जिला प्रशासन से पूरी रिपोर्ट मांगेंगे। मीडिया में आई खबरों के अनुसार बनासकांठा जिले में 25 साल की दलित महिला संगीता रणवासिया और उसके पति नीलेश रणवासिया की कुछ लोगों ने पिटाई की क्योंकि उन्होंने मरी हुई गाय की खाल उतारने से इनकार कर दिया था। संगीता पांच महीने के गर्भ से है। हाल ही में गुजरात के ऊना में मरी हुई गाय की खाल उतारने को लेकर कुछ दलितों की निर्मम पिटाई के मामले पर पूरे देश में प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। इसको लेकर गुजरात के दलित समुदाय ने बड़े पैमाने पर आंदोलन भी किया था।