गुजरात पुलिस ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल की भूमिका का जिक्र किया है। पुलिस के विशेष जांच दल ने सत्र न्यायलय के समक्ष अपने हलफनामे में दावा किया है कि तीस्ता सीतलवाड़ 2002 के दंगों के बाद राज्य में भाजपा सरकार को बर्खास्त करने के लिए अहमद पटेल के इशारे पर की गई “बड़ी साजिश” का हिस्सा थीं।

वहीं अब अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “मुझे लगता है कि उनका नाम (अहमद पटेल) अभी भी विपक्ष को बदनाम करने के लिए राजनीतिक साजिशों के लिए इस्तेमाल करने के लिए वजन रखता है। यूपीए के कार्यकाल के दौरान तीस्ता सेतलवाड़ को पुरस्कृत क्यों नहीं किया गया और राज्यसभा सदस्य क्यों नहीं बनाया गया। केंद्र ने 2020 तक मेरे पिता पर इतने बड़े षड़यंत्र के लिए मुकदमा क्यों नहीं चलाया?”

वहीं बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने हलफनामे का जिक्र कर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, “हलफनामे ने इस सच्चाई को सामने लाया है कि इन साजिशों को अंजाम देने वाले कौन थे, अहमद पटेल। अहमद पटेल तो बस एक नाम है, जिनकी प्रेरक शक्ति उनकी बॉस सोनिया गांधी थीं। सोनिया गांधी ने अपने मुख्य राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल के जरिए गुजरात की छवि खराब करने की कोशिश की। उनके माध्यम से उन्होंने नरेंद्र मोदी का अपमान करने का प्रयास किया और वह इस पूरी साजिश के सूत्रधार थे।”

एसआईटी ने अपने हलफनामे में कहा है, “इस बड़ी साजिश को अंजाम देने के दौरान आवेदक (सीतलवाड़) का राजनीतिक उद्देश्य निर्वाचित सरकार को बर्खास्त करना या अस्थिर करना था। उसने निर्दोष व्यक्तियों को गलत तरीके से फंसाने के अपने प्रयासों के बदले प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल से अवैध वित्तीय और अन्य लाभ और पुरस्कार प्राप्त किए।”

एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि सीतलवाड़ दंगा मामलों में भाजपा सरकार के वरिष्ठ नेताओं के नामों को फंसाने के लिए दिल्ली में उस समय सत्ता में एक प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी के नेताओं से मिलती थीं। सीतलवाड़ को पूर्व आईपीएस अधिकारियों आरबी श्रीकुमार और संजीव भट्ट के साथ गुजरात दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।