कांग्रेस गुजरात में अपने गिरते प्रदर्शन और खासकर आम आदमी पार्टी के उदय को लेकर चिंतित है। हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक सौराष्ट्र में मुकाबला बीजेपी और आप के बीच है, जिसमें कांग्रेस तीसरे स्थान पर है। अगर गुजरात यह संकेत देता है कि विधानसभा चुनाव अब द्विपक्षीय नहीं है, तो कांग्रेस को डर है कि यह प्रवृत्ति मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी फैल जाएगी।

दिल्ली में एक बैठक में एक प्रमुख परिवार के गुजरात कांग्रेस के नेता ने विरोध किया कि पिछले विधानसभा चुनाव के विपरीत, जब राहुल गांधी ने मुकाबले को क्लिफ हैंगर में बदलने के लिए सभी पड़ावों को अपनी तरफ खींच लिया था। लेकिन इस बार राहुल गांधी ने राज्य का दौरा नहीं किया है और चुनाव दिसंबर में होने हैं। उन्होंने राहुल गांधी को याद दिलाया कि 2017 के चुनावों के दौरान उन्होंने गुजरात के मतदाताओं से वादा किया था कि वह हर दो महीने में राज्य का दौरा करेंगे।

पार्टी के ऑर्गेनाइजिंग सचिव केसी वेणुगोपाल ने मीटिंग के दौरान राहुल गांधी से अपनी बात रखने वाले नेता की आलोचना की। लेकिन यह भी कहा कि असली समस्या यह थी कि लोग राहुल गांधी को सच बताने से कतराते थे। पार्टी के एक सांसद ने भी उनकी इस बात का समर्थन किया।

गुजरात में इसी वर्ष के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। आमतौर पर गुजरात चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होता रहा है लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री ने कांग्रेस की बेचैनी बढ़ा दी है। आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात के सौराष्ट्र का दौरा कर रहे हैं। केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी गुजरात का दौरा किया है।

अरविंद केजरीवाल गुजरात दौरे पर बीजेपी सरकार की कमियों को गिना रहे हैं। वहीं उन्होंने वादा किया है कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार राज्य में बनती है, तो लोगों को मुफ्त बिजली मिलेगी। गुजरात में शराबबंदी को लेकर भी अरविंद केजरीवाल बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं। कुछ दिन पहले ही गुजरात में नकली शराब पीने से कई लोगों की मृत्यु हुई थी। इसको लेकर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा था और राज्यसभा में भी पार्टी ने आवाज उठाई थी।