राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के गृह राज्य गुजरात में उन्हीं के हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे पर एक प्रतियोगिता हुई। बताया गया कि इस कंप्टीशन में भाषण के दौरान एक बच्चे ने बापू की बुराई कर नाथूराम को अपना आइडियल (‘रोल मॉडल’) करार दिया। मामला सामने आने पर विवाद खड़ा हो गया, जिसके बाद अफसर को सस्पेंड कर दिया गया।

यह मामला तब सामने आया जब इस जिले के अखबारों ने यह दावा करते हुए खबरें छापीं कि एक स्टूडेंट ने ‘‘मेरा रोल मॉडल – नाथूराम गोडसे’’ विषय पर भाषण प्रतियोगिता जीती है। एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को इस बारे में बताया कि गुजरात सरकार ने वलसाड जिले की यूथ डेवलपमेंट अफसर को ‘‘मेरा रोल मॉडल- नाथूराम गोडसे’’ विषय पर स्कूली छात्रों के लिए भाषण प्रतियोगिता कराने को लेकर बुधवार को निलंबित कर दिया।

खेल, युवा और सांस्कृतिक गतिविधि राज्य मंत्री हर्ष सांघवी की ओर से ऐक्शन के आश्वासन के बाद वलसाड जिले की वर्ग-2 जिला युवा विकास अधिकारी मिताबेन गवली को तत्काल निलंबित कर दिया गया। सांघवी ने गांधीनगर में पत्रकारों को बताया था, ‘‘मैंने जांच के आदेश दिए हैं। हम दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।’’ कुछ घंटों के भीतर गवली को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया गया।

आदेश में कहा गया है कि विभाग के वलसाड कार्यालय की तरफ से 14 फरवरी को एक प्राइवेट स्कूल में हुई भाषण प्रतियोगिता के लिए विषय चयन में अधिकारी को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए थी। यह प्रतियोगिता पूरे वलसाड जिले के 11 से 13 वर्ष की आयु वर्ग के प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों के लिए थी।

निलंबन आदेश में कहा गया है, ‘‘14 फरवरी को आयोजित जिला स्तरीय प्रतियोगिता में स्कूली बच्चों को चुनने के लिए तीन विषय दिए गए थे। गवली की ओर से दिए गए विषयों में से एक ‘मेरा रोल मॉडल- नाथूराम गोडसे’ था। अन्य दो विषय थे ‘मुझे केवल वही पक्षी पसंद हैं जो आसमान में उड़ते हैं’ और ‘मैं वैज्ञानिक बनूंगा लेकिन अमेरिका नहीं जाऊंगा।’

विभाग के उप सचिव दीपक पटेल के साइन वाले निलंबन पत्र के अनुसार, विभाग ने जब वलसाड जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी बी डी बरियाया से जानकारी मांगी तो उन्होंने विभाग को बताया कि गवली ने इन विषयों को चुना था। भाषण प्रतियोगिता के बारे में बताने के लिए प्राइमरी स्कूलों को पत्र लिखा था। विवाद शुरू होने के बाद निजी स्कूल प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि उसने केवल कार्यक्रम की मेजबानी की थी और इसका आयोजन नहीं किया।

कुसुम विद्यालय की प्रशासक अर्चना देसाई बोलीं, ‘‘हमने इस प्रतियोगिता के आयोजन के लिए केवल अपने स्कूल परिसर को विभाग को उपलब्ध कराया था। न केवल विषय, यहां तक कि प्रतियोगिता के लिए निर्णय करने वालों का चयन वलसाड जिला कार्यालय द्वारा किया गया था।’’