गुजरात के ठग किरण पटेल ने जम्मू कश्मीर में छह महीने में जम्मू कश्मीर की 3 और 5 दिनों के बीच 4 दौरे किए। इस दौरान उसने कई कनिष्ठ अधिकारियों के अलावा, कम से कम 2 आईएएस अधिकारियों से मुलाकात की। पुलिस ने बताया कि उसने प्रमुख सरकारी पदाधिकारियों के साथ कम से कम तीन गुजरात व्यापारियों के लिए बैठकें तय कीं और स्थानीय भाजपा और आरएसएस के पदाधिकारियों के साथ भी मेलजोल बढ़ाया।
किरण पटेल जिस तरह दो एस्कॉर्ट वाहन और सशस्त्र सीमा बल के एक दर्जन बंदूकधारियों के साथ चलता था, उसको ये सब कैसे मिला, इसका पता लगाने के लिए द इंडियन एक्सप्रेस ने विभिन्न जिलों जम्मू-कश्मीर के एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियों से बात की। इसमें समाने आया कि इसके पीछे राजस्थान में आरएसएस के पदाधिकारी त्रिलोक सिंह चौहान और 2015 बैच के आईएएस अधिकारी बशीर उल हक चौधरी थे।
चौधरी से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पुलिस चौहान से पूछताछ कर रही है। वहीं, आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि चौहान ने जम्मू-कश्मीर में विस्तारक के रूप में काम किया था।
खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का वरिष्ठ अधिकारी बताने के आरोप में गिरफ्तार ठग किरण पटेल को जम्मू कश्मीर पुलिस ने गुरुवार को गुजरात पुलिस को सौंप दिया था। अधिकारियों ने बताया कि गुजरात पुलिस ने उसकी हिरासत की मांग की थी जिसे श्रीनगर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मंजूर कर लिया।
अधिकारियों ने कहा कि पटेल को शुक्रवार को गुजरात ले जाया जाएगा। पटेल को पुलिस ने पिछले महीने जम्मू कश्मीर के एक पांच सितारा होटल से गिरफ्तार किया था। पटेल कश्मीर घाटी के अपने तीसरे दौरे पर था, तभी तीन मार्च को सुरक्षा अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया था। पटेल ने दक्षिण कश्मीर में सेब के बागों के लिए खरीदारों की पहचान करने के लिए सरकार द्वारा आदेश दिए जाने का दावा किया था।