गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की पहली सूची में जामनगर उत्तर (Jamnagar North Constituency) से क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रीवाबा जडेजा को टिकट मिला है। भाजपा ने उन्हें टिकट देने के लिए अपने मौजूदा विधायक धर्मेंद्रसिंह जडेजा उर्फ ​​हखुबा का टिकट काट दिया।

स्टार भारतीय ऑलराउंडर जडेजा की 31 वर्षीय पत्नी रीवाबा के लिए यह काफी बड़ा कदम है। रीवाबा, एक मैकेनिकल इंजीनियर जो नौकरशाह बनना चाहती थीं, वह मार्च 2019 में भाजपा में शामिल हो गईं थीं। यह कदम उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नवंबर 2018 में मुलाकात के बाद उठाया था।

रवींद्र जडेजा जामनगर के मूल निवासी हैं और अपने शहर में काफी समय बिताते हैं वे लगभग 100 किमी दूर राजकोट में रहते हैं, जहाँ वे एक रेस्टोरेंट भी चलाते हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद से रीवाबा जामनगर में सक्रिय रही हैं। वह शहर के आस-पास के गाँवों में जाती हैं और वहां की महिलाओं के साथ विशेष रूप से बातचीत करती हैं। रिवाबा विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बात करती हैं, सैनिटरी नैपकिन वितरित करती हैं और डाकघरों में लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना खाते खोलने में मदद करती हैं।

श्री मातृशक्ति चैरिटेबल ट्रस्ट जो एक गैर सरकारी संगठन है, उसे रिवाबा अपने पति के साथ चलाती है। इस साल अगस्त में ट्रस्ट के माध्यम से 101 सुकन्या समृद्धि योजना खाता खोलने में मदद करने के बाद पीएम मोदी ने रीवाबा की प्रशंसा की थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) में कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक परिमल नाथवानी की एक अपील के एक हफ्ते बाद संयोग से भाजपा ने रिवाबा को टिकट दिया। दरअसल परिमल नाथवानी ने सभी पार्टियों से उन उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने की अपील की जो जामनगर में अपराध को पनपने देंगे।

भाजपा के सूत्रों ने बताया कि धर्मेंद्रसिंह जडेजा “बहुत मजबूत” हो रहे थे। पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि उनका नाम कुछ हिस्ट्रीशीटरों के साथ जुड़ा है और यह कई महत्वपूर्ण लोगों को परेशान कर रहा था. इसलिए यह स्पष्ट था कि धर्मेंद्रसिंह को फिर से टिकट नहीं दिया जाएगा। बता दें कि बीजेपी ने पहली सूची में 38 विधायकों के टिकट काटे हैं।

जामनगर उत्तर और जामनगर दक्षिण में विभाजित होने से पहले विधानसभा जामनगर के रूप में जाना जाता था। यह विधानसभा क्षेत्र 1985 से भाजपा का गढ़ रहा है। भाजपा ने इसे 1985 और 2007 के बीच लगातार पांच बार जीता था। धर्मेंद्रसिंह जडेजा ने 2012 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। उन्होंने पूर्व मंत्री और भाजपा उम्मीदवार मुलुभाई बेरा को 9,448 मतों के अंतर से हराया था।

हालांकि भाजपा इस बात से आशंकित है कि नाराज हखुबा से क्या नुकसान हो सकता है? जामनगर के एक बीजेपी नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ”ऐतिहासिक तौर पर इस इलाके के लोगों ने कांग्रेस के खिलाफ वोट किया है। 1985 से पहले भी 1962, 1967, 1972 और 1975 में बीजेपी यह सीट हार चुकी थी। यहां प्रतिबद्ध भाजपा मतदाता हैं और रीवाबा की हस्ती नए मतदाताओं को आकर्षित करेगी। हमें तब तक सीट बरकरार रखने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए जब तक कि हखूबा खेल को बिगाड़ने का विकल्प नहीं चुनते। वह जमीनी स्तर से जुड़े हुए हैं और परिणामों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।”