Gujarat Assembly Election: गुजरात में 1 दिसंबर और 5 दिसंबर 2022 को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने इशुदान गढ़वी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है। वहीं, AAP ने बुधवार को घोषणा की कि उसकी गुजरात इकाई के अध्यक्ष गोपाल इटालिया सूरत के कतरगाम निर्वाचन क्षेत्र से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। वहीं, दूसरी ओर भाजपा के पास इस बार टिकट के दावेदारों की भरमार है।
भाजपा ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, जबकि कांग्रेस ने कपलेश वरिया को मैदान में उतारा है, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत वर्गीकृत प्रजापति समुदाय से हैं। कतरगाम में पाटीदार और प्रजापति समुदाय चुनावी रूप से प्रमुख समुदाय हैं। सूत्रों के अनुसार, निर्वाचन क्षेत्र में 90,000 पंजीकृत पाटीदार मतदाता हैं जबकि प्रजापति समुदाय में 75,000 मतदाता हैं। चूंकि डायमंड पॉलिशिंग इकाइयां और कपड़ा पावरलूम यूपी, बिहार, ओडिशा और राजस्थान के बहुत से प्रवासियों को रोजगार देते हैं इसलिए इस निर्वाचन क्षेत्र में एक बड़ा आधार प्रवासी मतदाताओं का भी है।
AAP के पास कतरगाम सीट पर मौका: बुधवार को उनकी उम्मीदवारी की घोषणा होते ही गोपाल इटालिया अपने समर्थकों के साथ कतरगाम स्थित स्वामीनारायण मंदिर पहुंचे। इस चुनाव में AAP के पास कतरगाम सीट के नतीजों को पलटने का अच्छा मौका है क्योंकि पार्टी के पास पहले से ही एक आधार है। सूरत नगर निगम के वार्ड 7 और 8 और वार्ड 6 के कुछ हिस्से विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं।
साल 2021 के नगर निकाय चुनावों में, वार्ड 7 से आप के दो पार्षद चुने गए थे जबकि पार्टी ने वार्ड 8 से एक ही पार्षद को चुना था। शेष पार्षद भाजपा के हैं। यह उन 29 सीटों में से है जिन पर आप ने 2017 में चुनाव लड़ा था। पार्टी को यहां 2.29 प्रतिशत वोट मिले थे और वह तीसरे स्थान पर रही थी।
बीजेपी में कई दावेदार: भाजपा में विभाजन से भी आप का हाथ मजबूत हुआ है। बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक कुछ दिन पहले 23 नेताओं ने इस सीट से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की थी। उन उम्मीदवारों में नरेंद्र नंदलाल पांडव भी हैं जो 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे और पिछले साल नगर निकाय चुनाव में वार्ड 7 से चुने गए थे।
आप और भाजपा के बीच पाटीदार वोटों का विभाजन: सूरत के राजनीतिक विश्लेषक नरेश वारिया ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “कतरगाम सीट बीजेपी के लिए आगामी विधानसभा चुनावों में जीत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। निरंजन जंजमेरा के अलावा सूरत में बीजेपी के पास कोई दूसरा बड़ा प्रजापति नेता नहीं है। भाजपा इस सीट से पाटीदार उम्मीदवार उतार सकती है। कांग्रेस ने एक प्रजापति उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। चुनावों में आप और भाजपा के बीच पाटीदार वोटों का विभाजन हो सकता है।”
राजनीतिक विश्लेषक ने आगे कहा, “अगर प्रजापति समुदाय अपने समुदाय के उम्मीदवार के समर्थन में खुलकर सामने आता है, तो कांग्रेस के पास जीतने का मौका है। पिछले दो चुनावों में कांग्रेस को करीब 25 फीसदी वोट शेयर मिला था। इस बार आप ने भी काफी मेहनत की है और वह सड़कों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं। उम्मीद है गोपाल इटालिया को अच्छे वोट मिलेंगे।