Pankaja Munde Sugar Factory: महाराष्ट्र के बीड जिले के परली में भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे के स्वामित्व वाली एक चीनी फैक्ट्री पर गुरुवार (14 अप्रैल , 2023) को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के अधिकारियों ने छापा मारा। यह छापा कथित रूप से जीएसटी चोरी को लेकर मारा गया।
जीएसटी अधिकारियों की छापेमारी के बाद पंकजा मुंडे ने कहा, “मैंने जीएसटी अधिकारियों से बात की। मैंने उनसे पूछा कि अचानक से ऐसा कदम क्यों उठाया गया। उनका जवाब था कि ऊपर से एक आदेश था।” पकंजा मुंडे भाजपा के वरिष्ठ दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं।
अमित शाह के साथ हमने इस मुद्दे को उठाया: पंकजा मुंडे
पंकजा ने खुलासा किया कि चीनी मिल पिछले छह-सात साल से घाटे में चल रही थी। जिसके कारण उसको बंद कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि 2013 से 2015 के सूखे ने इसे बुरी तरह प्रभावित किया। जिसके बाद कोविड महामारी संकट इसको और ज्यादा प्रभावित किया। उन्होंने कहा, ‘हमने इस मुद्दे को सहकारिता मंत्री अमित शाह के साथ भी उठाया था। मैंने केंद्रीय नेतृत्व को वित्तीय संकट और चीनी कारखाने के नुकसान की जानकारी दी थी। हमने बंद चीनी मिलों के लिए सरकार से मदद मांगी।”
मुंडे ने जीएसटी की छापेमारी को अफसोसजनक बताया। उन्होंने कहा कि चीनी कारखाने पर 250 करोड़ रुपये का कर्ज है। हम पहले ही 152 करोड़ रुपये चुका चुके हैं। कुछ भी छिपाने का सवाल ही नहीं था। उन्होंने कहा कि 12 करोड़ रुपये जीएसटी का भुगतान किया जाएगा। मेरे किसी भी टैक्स से बचने का इरादा नहीं है।”
‘चीनी मिल पर जीएसटी का छापा समझ से बाहर’
पंकजा मुंडे के करीबी सहयोगी ने कहा कि पंकजा को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सब पंकजा के साथ तब किया जा रहा है, जब बड़ी वित्तीय अनियमितताओं वाले व्यक्तियों को क्लीन चिट मिल रही है और भाजपा में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक बंद चीनी मिल पर जीएसटी का छापा समझ से बाहर है।
चीनी मिल पर छापे से एक दिन पहले पंकजा को बीड के भगवानगढ़ में अपने चचेरे भाई और एनसीपी के पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे के साथ मंच साझा करते हुए देखा गया था। इस दौरान धनंजय ने पंकजा की जमकर तारीफ की थी। पंकजा ने पहली बार सफाई देते हुए कहा कि कुछ लोगों ने उनके बीच गलतफहमी पैदा कर दी थी।
2019 में पंकजा अपने चचेरे भाई से चुनाव हार गईं थीं
पंकजा और धनंजय के मतभेदों को खत्म करने की कोशिश के राजनीतिक मायने हैं। 2019 में पंकजा धनंजय के खिलाफ एक करीबी मुकाबले में परली विधानसभा सीट हार गई थीं और उन्होंने अपनी हार को भाजपा के अंदरूनी सूत्रों की साजिश करार दिया था। उन्होंने इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया था।
हालांकि पंकजा को जेपी नड्डा की केंद्रीय भाजपा टीम में सचिव के रूप में शामिल किया गया था और मध्य प्रदेश राज्य का सह-प्रभारी नामित किया गया था, लेकिन वह बहुत खुश नहीं थीं। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि वह महाराष्ट्र में राजनीति करना चाहती थीं और राज्य विधान परिषद या राज्य भाजपा में नेतृत्व की भूमिका में सामने आने के लिए कोशिश कर रहीं थी।
उद्धव गुट दे चुका पकंजा को प्रस्ताव
कुछ महीने पहले, शिवसेना (यूबीटी) ने पंकजा को भाजपा में अपमान का सामना करने के बजाय अपनी पार्टी में शामिल होने का खुला प्रस्ताव दिया था। एनसीपी की ओर से भी कुछ ऐसे ही इशारे थे। हालांकि, पंकजा ने कहा है कि उनकी वफादारी भाजपा के साथ है।