Atri Mitra

बंगाल की वरिष्ठ नौकरशाह नंदिनी चक्रवर्ती (Nandini Chakravorty) अब राजभवन और ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार के बीच विवाद के बीच फंस गईं हैं। नंदिनी चक्रवर्ती जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की पूर्व छात्र हैं और 1994 बैच की आईएएस अधिकारी (IAS Officer) हैं। पिछले हफ्ते राज्यपाल सी वी आनंद बोस (Governor CV Ananda Bose) द्वारा उन्हें राजभवन के प्रमुख सचिव के पद से हटाए जाने के बाद वह सुर्खियों में आई थीं।

तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने एकतरफा फैसले की घोषणा करने पर राज्यपाल से नाखुशी जाहिर की। इस कदम ने सरकार और राजभवन के बीच तनाव उत्पन्न हुआ है। नंदिनी चक्रवर्ती को अब वापस पर्यटन विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया है।

2011 में जब ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनीं, तब नंदिनी चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम (WBIDC) की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर थीं। उस समय, पश्चिम बंगाल कैडर के 1990 बैच के एक अधिकारी सुब्रत गुप्ता WBIDC के प्रबंध निदेशक थे। जब सुब्रत गुप्ता को बाद में प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली भेजा गया और तब नंदिनी चक्रवर्ती ने निगम का कार्यभार संभाला। इस दौरान उन्होंने सूचना और संस्कृति विभाग के सचिव के रूप में भी काम किया। कहा जाता है कि वह उस समय राज्य की सबसे शक्तिशाली नौकरशाहों में से एक थीं।

हालाँकि एक मीडिया हाउस को भुगतान करने के मामले के बाद उन्हें राज्य राजपत्र संपादक के अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण पद पर स्थानांतरित कर दिया गया। लेकिन नंदिनी चक्रवर्ती ने धीरे-धीरे सीएम का विश्वास हासिल किया और सुंदरबन मामलों के सचिव बन गईं। पर्यटन विभाग की प्रमुख सचिव बनने से पहले उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण और बागवानी विभाग में भी काम किया।

पिछले जुलाई में पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) के उपराष्ट्रपति बनने के बाद मणिपुर के तत्कालीन राज्यपाल ला गणेशन को कार्यवाहक राज्यपाल नियुक्त किया गया था। इस दौरान नंदिनी चक्रवर्ती राज्यपाल की प्रमुख सचिव बनीं।

गवर्नर कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि आनंद बोस इस महीने की शुरुआत में सेंट जेवियर्स कॉलेज के दीक्षांत समारोह में दिए गए भाषण को लेकर नंदिनी चक्रवर्ती से नाराज थे। नंदिनी चक्रवर्ती द्वारा लिखा गया भाषण ममता बनर्जी की प्रशंसा से भरा था और भाजपा की आलोचना का कारण बना।