दिल्ली आबकारी नीति में मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की गिरफ्तारी पर भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि ये पहली बार है जब कोई शिक्षा मंत्री तिहाड़ जेल जाएगा वो भी शराब घोटाला मामले में। उन्होंने आप पर आरोप लगाया कि यह नीति पैसे के दोहन के लिए बनाई गई थी ताकि वे खालिस्तानियों की मदद से चुनाव लड़ सकें।

ये ओपन-एंड-शट केस: गौतम गंभीर

उन्होंने कहा, “ये एक ओपन-एंड-शट केस था। उन्हें नो मिलना चाहिए, जिसके वे हकदार हैं। ये भारत में पहली बार है जब कोई शिक्षा मंत्री तिहाड़ जेल जाएगा, वो भी शराब घोटाला मामले में। यह नीति पैसे के दोहन के लिए बनाई गई थी, ताकि वे खालिस्तानियों की मदद से चुनाव लड़ सकें।”

गंभीर ने आगे कहा, “अगर शराब नीति में कोई विसंगति नहीं थी तो इसे वापस नहीं लिया जाना चाहिए था। यह भावनात्मक बयान देने का समय नहीं है। अगर उन्होंने (सिसोदिया) स्कूल, कॉलेज और अस्पताल खोले हैं तो हमें दिखाइए। वह सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं, लेकिन मेरे लिए, दिल्ली के सीएम और आप बेनकाब हो गए हैं।”

जमानत के लिए सिसोदिया ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख

वहीं, मनीष सिसोदिया ने जमानत के लिए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एम. सिंघवी द्वारा दाखिल प्रतिवेदन पर गौर करते हुए कहा कि वह जमानत याचिका पर दोपहर तीन बजकर 50 मिनट पर सुनवाई करेगी। सिसोदिया फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि जेल में बंद आम आदमी पार्टी (आप) के नेता दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत जमानत के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध कर सकते हैं। आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार को लेकर गिरफ्तार सिसोदिया को यहां एक विशेष अदालत ने सोमवार को पांच दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया था। अदालत ने कहा था कि उचित व निष्पक्ष जांच के लिए जरूरी है कि उनसे पूछे गए सवालों के उचित और वैध जवाब मिलें और अदालत की राय में यह हिरासत में आरोपी से पूछताछ से ही संभव है।