नवी मुंबई पुलिस ने एक ऐसे गैंग को पकड़ा है जिस पर सैनिकों के उपयोग में आने वाली दवाएं बेचने का आरोप है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) की तरफ से वाशी पुलिस को की गई शिकायत के बाद नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने कहा कि आरोपियों ने सेना के लिए आई दवाओं को ब्लैक मार्केट में भेज दिया।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें से कुछ सनपाड़ा नाम की एक फर्म के लिए काम कर रहे थे। ये दवाइयां जम्मू, अमृतसर, लखनऊ, पुणे और अन्य शहरों से आती थीं। गैंग के लोग दवाओं के पैकेट पर लगे ‘डिफेंस पर्सनल ओनली’ के टैग को केमिकल का इस्तेमाल कर साफ कर देते थे। इसके बाद इन दवाओं को निजी दुकानों पर बेचा जाता था।
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उन्होंने कहा, ‘आमतौर पर डिफेंस सेक्टर में इस्तेमाल होने वाली दवाएं बनाने के लिए निर्माताओं को सब्सिडी मिलती है। ये लोग सरकार को चूना लगाकर पैसे कमा रहे थे।’ मुख्य आरोपी की पहचान महेश नागनसुरे (36), सचिन वाडस्कर (29) और सचिन बलदेवा (41) के रूप में हुई है। ये सभी नागपाड़ा के श्री समर्थ डिस्ट्रीब्यूटर्स में काम करते थे।
पुलिस ने कहा कि इनके अलावा सभी आरोपी सप्लायर हैं। इनमें पुणे की रॉयल फार्मा से नीरज सिंह (26), दिल्ली की विशाल फार्मा से संजय गर्ग (49) और दिल्ली की सद्गुरु फार्मा में काम करने वाले तरुण मदान (30) भी शामिल हैं। इन सभी को एफडीए एक्ट के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल मीडिया को गिरफ्तारी होने वालों में शामिल तीन अन्य लोगों की जानकारी नहीं मिली है। पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच भी शुरू कर दी है। जल्द ही इस मामले में और भी कई नाम सामने आने की संभावना है।