राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री और अजमेर उत्तर से भाजपा विधायक को राज्य में पार्टी के “मोदी @ 20” कार्यक्रम का संयोजक नियुक्त किया गया है। द इंडियन एक्सप्रेस ने उनसे इस अभियान को लेकर बातचीत की। इसमें स्कूली पाठ्यक्रम और छात्रों के शिक्षण सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि कांग्रेस शासन में “अकबर महान” पढ़ाते रहे। मुझे लगता है कि यह वास्तविकता नहीं है और इससे उनमें (छात्रों) देशभक्ति की भावना नहीं जागेगी, लेकिन अगर आप “महान महाराणा प्रताप” को पढ़ाते हैं तो इससे उनकी देशभक्ति की भावना अपने आप जाग जाएगी।
“मोदी @ 20” क्या है और राजस्थान में इसके लिए क्या कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है?
“मोदी @ 20” पीएम मोदी के 20 वर्षों – सीएम के रूप में 12 साल और पीएम के रूप में 8 साल-के दौरान कल्याणकारी नीतियों पर प्रकाश डालता है। महात्मा गांधी ने जिस तरह आजादी को जन-अभियान बनाया, उसी तरह मोदी जी ने भी विकास को जन-अभियान बनाने की कोशिश की है।
उन्होंने अपना जीवन एक चाय विक्रेता के रूप में शुरू किया और इसलिए वह आम आदमी के मुद्दों को जानते हैं और इसलिए वह उनके उत्थान की दिशा में बेहतर काम कर पाते हैं। राजस्थान में, हम 1 अगस्त से 31 अगस्त के बीच कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं, जिसमें सार्वजनिक कार्यक्रमों को संबोधित करने के लिए राज्य और बाहर के बुद्धिजीवियों, शिक्षकों आदि सहित कई वक्ताओं को बुलाएंगे।
लेकिन विपक्ष इस बात की ओर इशारा करता रहता है कि मोदी सरकार के तहत भारत विभिन्न सूचकांकों पर गिर गया है, चाहे वह ग्लोबल हंगर इंडेक्स, प्रेस फ्रीडम इंडेक्स, पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक आदि हो।
दुनिया के सूचकांकों के अलग-अलग मापदंड हो सकते हैं, लेकिन अगर आप देश के भीतर देखें, उदाहरण के लिए, उन्होंने (पीएम मोदी) महिलाओं के कल्याण के लिए उपाय किए, जिससे महिला उत्पीड़न में 22 प्रतिशत और बलात्कार में 14 प्रतिशत की कमी आई, क्योंकि हमने हर घर में शौचालय बनाए। उन्होंने जन धन जैसी योजनाओं को लागू किया, जिससे, राजीव गांधी के कार्यकाल के विपरीत, पूरा रुपया लाभार्थी के खाते में जा रहा है।
देश ने उन्हीं सूचकांकों पर पहले अच्छा प्रदर्शन किया था। तो क्या बदल गया है?
मैं नहीं मानता कि यह (देश का रैंक) गिर रहा है। चाहे अर्थव्यवस्था हो या सामाजिक स्वतंत्रता, विभिन्न विषयों में रैंक वास्तव में बढ़ा है। इन सूचकांकों के मानदंड कौन तय करता है? देश में गरीबी घटी है। दूसरा, देश की कई कारकों पर जांच की जाती है – दुनिया में इसकी स्थिति क्या है, यह किसी आपदा से कैसे निपटता है, इसकी अर्थव्यवस्था कैसे काम कर रही है और सबसे गरीब लोगों तक कितना लाभ पहुंच रहा है। उदाहरण के लिए, सभी गांवों में अब विद्युतीकरण हो गया है, घरों में शौचालय हैं, उज्ज्वला योजना के तहत करोड़ों सिलेंडर दिए गए हैं, जल जीवन मिशन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, मुद्रा योजना के तहत ऋण दिया जा रहा है – इन सभी ने गरीबों के जीवन में सुधार किया है, लेकिन (रैंकिंग) एजेंसियां उन तक नहीं पहुंच सकती हैं। साथ ही, उन्होंने (मोदी) आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को लामबंद किया है और पाकिस्तान को अलग-थलग कर दिया है। ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी या जापान, सब को उसके खिलाफ खड़ा किया।
आपको क्या लगता है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियां और विफलताएं क्या हैं?
सीएम (अशोक गहलोत) की एकमात्र उपलब्धि यह है कि वह अभी भी सत्ता में हैं। और सबसे बड़ी विफलता कानून और व्यवस्था है। हर दिन, जब आप अखबार पढ़ते हैं, तो आप भ्रष्टाचार, महिलाओं के खिलाफ अपराध, या एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) के छापे के बारे में पढ़ते हैं, और जब अर्थव्यवस्था की बात आती है, तो राजस्थान सबसे ज्यादा कर्ज वाले 3-4 राज्यों में से एक है। सत्ताधारी दल का हर विधायक स्वतंत्र है और सोचता है कि वह मुख्यमंत्री है। उनकी ही पार्टी के लोग जैसे (सांगोद) विधायक भरत सिंह जी सरकार पर आरोप लगाते रहते हैं।
सीएम आरोप लगाते रहते हैं कि केंद्र में भाजपा के शासन में फासीवाद है और देश में “अघोषित आपातकाल” है।
सीएम लोगों या उनके मुद्दों के बारे में मुखर नहीं हैं। वह केवल केंद्र सरकार, भाजपा और मोदी जी की आलोचना करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। आप कह रहे हैं कि बोलने की आजादी को खत्म कर दिया गया है दी गई है। आप खुद इतना बोल रहे हैं- इमरजेंसी क्या है? इंदिरा जी के आपातकाल के दौरान आपको “भारत माता की जय” कहने के लिए जेल हो सकती है, लेकिन आज प्रेस स्वतंत्र है, और अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से प्रसारित कर सकता है।
राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने के साथ स्कूल का सिलेबस बदल जाता है। अगर बीजेपी की सरकार होगी तो क्या ये रुकेगा?
कांग्रेस ने अधिक बदलाव किए हैं। हम बच्चों को शिक्षित क्यों करना चाहते हैं? यदि आप बुनियादी बातों पर गौर करें तो यह सुनिश्चित करना है कि वे एक अच्छे नागरिक, देशभक्त बनें, ताकि वे भारतीय संस्कृति से जुड़ सकें। लेकिन अगर आप केवल गांधी परिवार के बारे में पढ़ाने और उन्हें सम्मान देने जा रहे हैं, तो बाकी वीर-हृदय और स्वतंत्रता सेनानी कहां गए? और अशोक गहलोत ने कहा कि जिन्होंने रगड़ाई यानी संघर्ष किया है, उन्हें ही पार्टी में महत्व दिया जाएगा। तो गांधी परिवार में, किसकी रगड़ाई हुई है?
वे आक्रमणकारियों को महत्व देते थे। अब तक वे “अकबर महान” पढ़ाते रहे। मुझे लगा कि यह वास्तविकता नहीं है और इससे उनमें (छात्रों) देशभक्ति की भावना नहीं जागेगी। लेकिन अगर आप “महान महाराणा प्रताप” को पढ़ाते हैं, तो इससे उनकी देशभक्ति की भावना अपने आप जाग जाएगी।