Former CM Amarinder Singh: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार (5 नवंबर, 2022) को राज्य सरकार को चेतावनी दी है। सिंह ने कहा कि पंजाब में 1980 के दशक के काले युग की वापसी के हालात बन रहे है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आज राज्य में चीजें सामने आ रही हैं वह काफी चिंताजनक है। अमरिंदर ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मामले में राज्य की आम आदमी पार्टी पूरी तरह से विफल है। शिवसेना नेता सुधीर सूरी की हत्या के 24 घंटे बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चितिंत हैं कि भगवंत मान की सरकार ने इस तरह की खतरनाक स्थिति से निपटने के लिए कोई तत्परता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि पंजाब में देश विरोधी ताकतों की बढ़ती गतिविधियों का जिक्र करते हुए कहा कि एक बार जब आप अपनी कमजोरी और कमियों को बता देते हैं तो राष्ट्र विरोधी ताकतें इसका फायदा उठाने के लिए मजबूर होती हैं और पंजाब में ठीक यही हो रहा है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसी भी ढिलाई और निष्क्रियता के खिलाफ आप सरकार को आगाह करते हुए चेतावनी दी। कैप्टन ने कहा कि मुझे 1980 के दशक की याद आ रही है जब स्थिति बिगड़ गई थी। आतंकवाद के कारण हालात बिगड़ने लगी थे और हमें इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। उन्होंने कहा कोई कार्रवाई करने की क्या बात तो दूर है, आम आदमी पार्टी के किसी नेता ने भी शिवसेना नेता की नृशंस हत्या की निंदा तक नहीं की है।
सिंह ने हैरानी जताते हुए कहा कि इतने सारे पुलिसकर्मियों के साथ सार्वजनिक जगह पर उच्च सुरक्षा वाले किसी व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कैसे की जा सकती है।भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को खुलेआम हिंसा का प्रचार करने अलगाव और अलगाववाद की भाषा बोलने पर कार्रवाई न करने पर आप सरकार की कड़ी आलोचना की।
पंजाब सीएम ने कहा- पुलिस अपना काम कर रही है
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शिवसेना नेता सुधीर सूरी की हत्या के मामले में कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है। मान ने कहा कि पुलिस ने हमलावर को पकड़ लिया है। उन्होंने कहा कि पकड़े गए आरोपी से पुलिस पूछताछ कर रही है। घटना में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
शुक्रवार को सूरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी
बता दें, शुक्रवार (4 नवंबर, 2022) को पंजाब के अमृतसर में शिवसेना नेता सुधीर सूरी की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई है। सूरी एक मंदिर के बाहर धरना दे रहे थे। इसी दौरान उन्हें गोली मारी गई थी। बताया जा रहा है कि गोपाल मंदिर के बाहर कूड़े में भगवानों की मूर्तियां मिलने को लेकर वह यहां धरने पर बैठे थे।