पंजाब के सीएम भगवंत मान के काफिले में 42 गाड़ियां हैं। इस बात का खुलासा एक आरटीआई में हुआ। जिसके मुताबिक पंजाब के अब तक के मुख्यमंत्रियों में वह सबसे ज्यादा काफिला लेकर चलते हैं। उनके काफिले में 42 गाड़ियां शामिल रहती हैं।
जानकारी के मुताबिक 2007-2012 तक मुख्यमंत्री के काफिले में 33 गाड़ियां, 2012-2017 तक 33 गाड़ियां, 2017-2021 तक 33 गाड़ियां, 2021-2022 तक 39 गाड़ियां, 2022 में 39 गाड़ियां और अब मौजूदा सरकार में 42 गाड़ियां शामिल की गई हैं।
विपक्ष ने साधा निशाना: आरटीआई में यह जानकारी सामने आने के बाद अब सीएम मान विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। विपक्ष ने खुद को आम आदमी बताने वाले भगवंत मान पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री के काफिले में गाड़ियों को लेकर मान सरकार पर निशाना साधा है।
बाजवा ने अपने ट्वीट में कहा, “2007 से 2017 तक मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल के काफिले में 33 वाहन थे। उनके बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के मुख्यमंत्री बने लेकिन गाड़ियों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ। खुद को आम आदमी कहने वाले भगवंत मान के काफिले में 42 गाड़ियां हैं। उन्होंने कहा कि यह खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ है।”
सीएम के काफिले को 42 वाहन उपलब्ध कराए गए: आरटीआई के तहत जानकारी से पता चला है कि 1 जून 2022 से राज्य परिवहन आयुक्त (STC) के कार्यालय द्वारा पंजाब के सीएम के काफिले को 42 वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। जानकारी से पता चला कि 31 मार्च 2007 से 30 मार्च 2012 तक पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के पहले कार्यकाल में एसटीसी द्वारा सीएम को उपलब्ध कराई गई कारों की संख्या 33 थी। 31 मार्च 2012 से अपने दूसरे कार्यकाल में, 30 मार्च 2017 तक सीएम प्रकाश सिंह बादल के काफिले में इतनी ही कारें थीं।
आरटीआई कानून के तहत मिले जवाब के मुताबिक इस साल 16 मार्च से 1 जून तक जहां 39 कारें सीएम के काफिले में रहीं, उसके बाद काफिले में तीन और वाहन जोड़े गए। कांग्रेस विधायक बाजवा ने बताया कि एसटीसी द्वारा सीएम के काफिले को उपलब्ध कराए गए 42 वाहनों के अलावा, पंजाब सुरक्षा विंग ने भी सीएम को वाहन दिए हैं। हालांकि पीएसडब्ल्यू ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए काफिले में जोड़े गए वाहनों की जानकारी देने से इनकार किया है।
सरकार के अच्छे कामों को भी देखें: वहीं, दूसरी ओर पंजाब सीएम भगवंत मान ने विधानसभा में कहा कि कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा हमेशा सरकार की नुक्ताचीनी करते रहते हैं। वह सरकार के अच्छे कामों को भी देख लिया करें। नेताओं को इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि अगर वह टेलीविजन या सोशल मीडिया पर ज्यादा बोलते हैं तो जनता उन्हें पसंद करती है।