Dalit Man In Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक दलित बुजुर्ग से मंदिर परिसर में पेशाब चटवाई गई। दरअसल, बीमार बुजुर्ग मंदिर के सामने से गुजर रहे थे। तभी अचानक उन्हें दिक्कत महसूस हुई। तबीयत खराब होते ही वह मंदिर की सीढ़ियों पर बैठ गए। इसी दौरान उनकी पेशाब छूट गई। यह देखते ही मंदिर के सामने की दुकान से एक दबंग बुजुर्ग के पास आया।

दबंग ने बुजुर्ग से कहा कि मंदिर में पेशाब कर दी। अब इसे शुद्ध करना होगा। पहले बुजुर्ग से पेशाब चटवाई। फिर पानी से पूरा मंदिर धुलवाया। घटना सोमवार की काकोरी स्थित शीतला माता मंदिर की है। पुलिस ने मामले में आरोपी स्वामी कांत (62) को गिरफ्तार कर लिया है। परिवार वालों के मुताबिक, बुजुर्ग को सांस की बीमारी है।

पीड़ित के पोते ने दावा किया कि उसके दादा को सांस लेने में तकलीफ़ हो रही थी और उन्होंने गलती से पेशाब कर दी थी। हालांकि, पुलिस ने बताया कि शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे बोतल से निकले पानी को उंगली से चखने को कहा गया ताकि “साबित” किया जा सके कि वह पेशाब नहीं था।

दिवाली (20 अक्टूबर) को हुई इस घटना ने राजनीतिक बवाल मचा दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बुधवार को कहा कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है, जबकि विपक्षी दलों – कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), आम आदमी पार्टी (आप) और आज़ाद समाज पार्टी और बसपा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

बृजेश पाठक ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार ऐसी घटनाओं के प्रति संवेदनशील है और दलितों, गरीबों और वंचितों के साथ मजबूती से खड़ी है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। विस्तृत जांच की जा रही है।

रामपाल के पोते मुकेश ने बताया कि उनके दादा सोमवार शाम को अपने घर के पास बैठे थे, जो एक मंदिर से लगभग 40 मीटर की दूरी पर है।

मुकेश ने आरोप लगाया, “मेरे दादाजी को सांस लेने में तकलीफ़ है। वे उठकर शौचालय तक नहीं पहुंच पा रहे थे, इसलिए उन्होंने गलती से जमीन पर पेशाब कर दी। उसी समय, आरोपी वहां से गुज़र रहा था। उसने मेरे दादाजी को गालियां दीं और डाँटा-फटकारा। कथित तौर पर सज़ा के तौर पर उन्हें पेशाब चाटने पर मजबूर किया। बाद में, उसने उन्हें पानी से धोकर पेशाब साफ़ करने के लिए मजबूर किया।” उन्होंने आगे बताया, “जब अगले दिन मेरे दादाजी ने हमें घटना के बारे में बताया, तो हम तुरंत पुलिस स्टेशन गए और शिकायत दर्ज कराई।”

काकोरी थाने के प्रभारी सतीश चंद्र के अनुसार, मंगलवार को रामपाल ने शिकायत दर्ज कराई कि एक दिन पहले वह मंदिर परिसर में बैठे थे, तभी पानी की बोतल से गलती से उनके सामने पानी गिर गया।

एसएचओ ने बताया कि पीड़ित की शिकायत के अनुसार, आरोपी ने कथित तौर पर मान लिया कि उसने मौके पर पेशाब कर दी है और उसे गालियां देने और धमकाने लगा। जब पीड़ित ने विरोध किया और आरोप से इनकार किया, तो रामपाल ने कहा कि कांत ने कथित तौर पर उसे अपनी उंगली से गिरे हुए पानी को छूने और फिर उसे अपनी जीभ पर लगाने के लिए मजबूर किया ताकि यह “साबित” हो सके कि पानी शुद्ध है। कांत ने कथित तौर पर जातिवादी टिप्पणी भी की और धमकियां दीं।

काकोरी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आपराधिक धमकी और अन्य संबंधित आरोपों में एफआईआर दर्ज की है। इसके अलावा, पुलिस ने उसके खिलाफ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराएं भी लगाई हैं। एसएचओ चंद्रा ने पुष्टि की कि हमने मामले के सिलसिले में आरोपी स्वामी कांत को गिरफ्तार कर लिया है।

कांत पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। पूछताछ के दौरान, पुलिस ने बताया कि आरोपी ने दावा किया कि उसने रामपाल को सिर्फ़ पानी छूने के लिए कहा था।

इस घटना पर संज्ञान लेते हुए, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में लिखा, “सिर्फ़ इसलिए कि किसी ने गलती की है, इसका मतलब यह नहीं कि वह अपमानजनक या अमानवीय सज़ा का हक़दार है। बदलाव ही बदलाव ला सकता है।”

बसपा चीफ मायावती ने इस घटना की घोर निंदा की है। बसपा प्रमुख ने एक्स पर लिखा, यू.पी. के जिला प्रयागराज के थाना धूमनगंज अन्तर्गत मुण्डेरा चुंगी के पास दो पक्षों में मामूली बात को लेकर कहासुनी में एक दलित व्यक्ति की नृशंस हत्या की घटना तथा राजधानी लखनऊ में पेशाब आदि जैसी घटनाएं मीडिया में चर्चा में हैं।’

मायावती ने आगे लिखा, “उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों में भी होने वाली ऐसी अमानवीय घटनाएं अति-निन्दनीय व चिन्तनीय। ऐसे बेलगाम हो रहे आपराधिक, अराजक व सामंती तत्वों के खिलाफ उत्तर प्रदेश तथा अन्य राज्यों की सरकारें सख़्त कार्रवाई करके अपने-अपने राज्यों में क़ानून के राज को ज़रूर स्थापित करें ताकि इस प्रकार की शर्मनाक व हिंसक घटनाओं की बढ़ती प्रवृति पर रोक लग सके अर्थात् जनहित में क़ानून का सख़्ती से अनुपालन ज़रूरी।”

कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट में इस घटना को “भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में मानवता पर कलंक” बताया। इसमें कहा गया, “यह घटना आरएसएस-भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता का प्रतीक है। दलितों के प्रति नफ़रत उनके खून में है… यही वजह है कि वे देश में संविधान को खत्म करके मनुवाद लागू करना चाहते हैं, ताकि जाति के आधार पर लोगों का शोषण कर सकें।”

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आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने इस कृत्य की निंदा करते हुए इसे “जाति-आधारित मानसिकता का शर्मनाक प्रदर्शन” बताया। AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया, ‘भाजपा राज में दलित होना अपराध हो गया है।’ उन्होंने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही पीड़ित और उसके परिवार से मुलाकात करेगा।

इस बीच, मुकेश ने बताया कि भाजपा, सपा, कांग्रेस और आप समेत कई राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता उनके घर मदद के लिए आए। उन्होंने आरोप लगाया, “आरोपी, जो आभूषणों का कारोबार करता है, इलाके का एक प्रभावशाली व्यक्ति है…”।

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