कभी-कभी इंसान के सामने ऐसे हालात हो जाते हैं कि वह सिर्फ भगवान को ही याद कर सकता है। तब उसके पास कोई न कोई मदद के लिए आ ही जाता है। यूपी के आगरा की दो बच्चियां पढ़ना चाहती हैं, लेकिन उनके घर में न पिता हैं न दूसरा कोई कमाने वाला बचा है। लाचार बच्चियां अपनी मां के साथ निर्धनता की स्थिति में रहने को विवश हैं। फीस नहीं जमा होने से स्कूल वालों ने बच्चियों को परीक्षा में बैठने से रोक दिया।
आगरा के विकास नगर इलाके की दोनों बच्चियों कृतिका और अनन्या शर्मा के लिए पिछला साल बेहद दुखद रहा। कोरोना बीमारी से पिता, बाबा और ताऊ की मौत हो गई। घर में सिर्फ मां बचीं। इससे बच्चों के लिए सामान्य जीवन जीना भी मुश्किल हो गया। वे पढ़ना चाहती थीं, लेकिन पैसे नहीं होने से वे स्कूल की फीस नहीं जमा कर पाईं। इससे उन्हें परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया।
दोनों बच्चियों में कृतिका छह में और अनन्या तीन में पढ़ती हैं। परेशान होकर बच्चियों ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और एक वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। इस वीडियो में दोनों बच्चियां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाईं। इसकी जानकारी आगरा के एडीजी राजीव कृष्ण को मिली तो उन्होंने फौरन स्कूल प्रशासन से बात की और बच्चों के बकाया 25 हजार रुपये जमा कराए। इसके बाद उन बच्चों की आगे की पढ़ाई शुरू हो सकी।
इसके पहले दोनों बच्चियों की मां सरिता ने अगस्त 2021 में बीएसए कार्यालय में प्रार्थनापत्र देकर फीस माफ करवाने की गुहार लगाई थी। तत्कालीन बीएसए ने स्कूल को आरटीई (निशुल्क शिक्षा का अधिकार) के तहत फीस माफ करने के लिए पत्र भी लिखा था, इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन ने उनको परीक्षा में बैठने देने से मना कर दिया।
पीड़िता सरिता ने महफूज संस्था के कॉर्डिनेटर चाइल्ड राइट एक्टिविस्ट नरेश पारस से मदद मांगी है। मामले में एडीएम सिटी अंजनी कुमार ने बीएसए को स्कूल प्रबंधन से बात कर बच्चियों की मदद के लिए निर्देश देने की बात कही है। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के प्रयास के बाद कई अन्य संगठन भी मदद के लिए आगे आए।