Raghupati Raghav Controversy: जम्मू कश्मीर के स्कूलों में ‘रघुपति राघव’ भजन गाने को लेकर विवाद जारी है। एक तरफ जहां पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने इसे लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। वहीं, दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला का रुख महबूबा मुफ्ती से अलग है। उन्होंने कहा कि वह भी भजन गाते हैं, इसमें क्या गलत है?

गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती ने 19 सितंबर 2022 को अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया था। इसमें जम्मू कश्मीर के स्कूल में बच्चे रघुपति राघव राजा राम गीत गाते दिखाई दे रहे हैं। महबूबा मुफ्ती ने इस मामले में कड़ी आपत्ति जताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा था।

उन्होंने लिखा, “धार्मिक नेता को जेल में डालकर, जामा मस्जिद को बंद कर और स्कूली बच्चों को हिंदू भजन गाने का निर्देश देना, भारत सरकार का कश्मीर में असली हिंदुत्व एजेंडा सामने आ गया है। इन आदेशों को नकारना पर PSA और UAPA लगता है। यह वह कीमत है, जो हम इस तथाकथित बदलते जम्मू-कश्मीर के लिए चुका रहे हैं।”

हिंदू अजमेर की दरगाह पर जाते हैं तो: इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि वह 2 नेशन थ्योरी में विश्वास नहीं करते थे। भारत सांप्रदायिक नहीं है। यह धर्मनिरपेक्ष है, मैं भी भजन गाता हूं तो क्या ये गलत है। अगर हिंदू अजमेर की दरगाह पर जाते हैं तो क्या वह मुसलमान बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि महबूबा झूठ फैला रही हैं।

इसके बाद महबूबा मुफ़्ती ने मंगलवार को भी एक ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, “जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक और पारंपरिक प्रथाओं को कुचलना, धार्मिक नेताओं को गिरफ्तार करना, सज्जाद नशीनों को उनके पारंपरिक कर्तव्यों का पालन करने से रोकना और अब दस्तारबंदी पर प्रतिबंध लगाना, जो धार्मिक स्थानों पर आशीर्वाद देने का एक सार्वभौमिक समारोह है।”

बीजेपी ने खारिज किए आरोप: वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ने भी महबूबा मुफ्ती के आरोपों को खारिज कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा विभाग ने स्कूलों में भजन गाने का निर्देश दिए थे। यह गाना गांधी जयंती उत्सव का भाग था। आदेश में कहा गया था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 153वीं जयंती के अवसर पर किए गए कार्यक्रमों में स्कूलों में रघुपति राघव गाना शामिल किया जाएगा।