निर्भय कुमार पांडेय
राजधानी में बिजली की मांग पिछली 29 मई को 8302 मेगावाट तक पहुंच गई थी, जो कि दिल्ली के इतिहास में अब तक की सबसे अधिक है। हालांकि, आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले कुछ सालों में मई के आखरी सप्ताह में बिजली की मांग पूरे साल की तुलना में दिल्ली में सबसे अधिक होती है।
बिजली वितरण करने वाली कंपनियों का दावा है कि आगामी साल में यदि इस प्रकार से दिल्ली में आसमान से आग बरसती रही तो बिजली की मांग 8500 मेगावाट तक पहुंच सकती है। जानकार बताते हैं कि गर्मी से बचने के लिए बड़े स्तर पर घरों और कार्यस्थल पर एअर कंडीशनगर और कूलर का इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है कि मई के आखरी सप्ताह में बिजली की मांग बढ़ जाती है।
इन जगहों पर होता है उत्पादन
दिल्ली में रिठाला, राजघाट, गैस टर्बाइन, प्रगति स्टेज-1 से और बवाना में लगे सयंत्रों में बिजली का उत्पादन होता है। इसके अलावा तिमारपुर ओखला वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड, दिल्ली म्यूनिसिपल सालिड वेस्ट मैनेजमेंट लिमिटेड और ईस्ट दिल्ली वेस्ट प्रोसेसिंग कंपनी लिमिटेड बिजली उत्पादन करती हैं। साथ ही पड़ोसी राज्य से भी दिल्ली ट्रांसको बिजली की खरीद करती है।
साल 2023 मांग
25- मई 5630
26- मई 5116
27- मई 5057
28- मई 4833
29- मई 4892
30-मई 4951
साल 2022 मांग
25- मई 4571
26- मई 4884
27- मई 5811
28- मई 6239
29- मई 5972
30-मई 6461
साल- 2021 मांग
26- मई 4063
27- मई 4470
28- मई 4851
29- मई 4744
30- मई 4505
31- मई 4959
