प्रवर्तन निदेशालय ने भुजबल परिवार के खिलाफ कार्रवाई तेज करते हुए वरिष्ठ राकांपा नेता छगन भुजबल के बेटे पंकज भुजबल का पासपोर्ट जब्त कर लिया है और उन्हें   भ्राष्टाचार के एक मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने पासपोर्ट अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत पंकज के पासपोर्ट को जब्त करने की कार्रवाई की है और पीएमएलए कानून के प्रावधानों के तहत उनका बयान दर्ज करने के लिए सम्मन जारी किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें आगामी सप्ताह में एजेंसी के जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होने के लिए सम्मन भेजा गया है। उन्हें पहले भी इस तरह के सम्मन भेजे गये थे लेकिन वह आये नहीं थे।’’

महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य पंकज का नाम एजेंसी द्वारा दर्ज आपराधिक प्राथमिकी में भी है जिसमें पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री छगन भुजबल, अन्य सहयोगियों और कंपनियों के तथा उनके भतीजे समीर के नाम शामिल हैं। ईडी ने इसी मामले में समीर को गिरफ्तार किया था। ईडी ने छगन भुजबल, पंकज भुजबल, भतीजे समीर और कुछ अन्य लोगों की संपत्तियों और दफ्तरों समेत कम से कम नौ ठिकानों पर तलाशी ली थी।

राकांपा ने इन तलाशियों को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ वाला बताया था। इससे पहले 28 जनवरी को बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और ईडी से भुजबल और उनके परिजनों के खिलाफ जांच पर चार सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा था। एजेंसी ने दिल्ली में महाराष्ट्र सदन के निर्माण में कथित घोटाले और कलीना भूमि कब्जा मामले की जांच के लिए मुंबई पुलिस की प्राथमिकियों के आधार पर पीएमएलए के प्रावधानों के तहत भुजबल परिवार के सदस्यों और अन्य के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज कीं।