प्रवर्तन निदेशालय ने ममता बनर्जी सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के दूसरे फ्लैट से 28 करोड़ रु कैश और 6 किलोग्राम सोना बरामद किया है। इतनी बड़ी रकम गिनने में ईडी को करीब 10 घंटे लग गए। नोटों को गिनने के लिए कई मशीनें मंगाई गई थीं। चौंकाने वाली बात ये है कि ये पैसा फ्लैट के टॉयलेट में छिपाकर रखा गया था। अर्पिता के फ्लैट से बरामद नोटों के बंडल को जांच एजेंसी ने टेबल पर सजाकर ED का लिख डाला, इसकी तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

पांच दिनों पहले ही ईडी ने अर्पिता के एक और फ्लैट से 21 करोड़ कैश और तमाम कीमती सामान बरामद किए थे। ईडी ने अर्पिता को 23 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि जांच एजेंसी ने टीचर भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।

कुणाल घोष ने पार्थ चटर्जी को पार्टी से निकालने की मांग की

ईडी की कार्रवाई के बाद विपक्षी दल पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से बाहर करने की मांग कर रही हैं। इसको लेकर भाजपा लगातार ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार पर हमलावर है। वहीं, इस मामले में सीएम ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। टीएमसी के महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने पार्थ चटर्जी को पार्टी और मंत्रालय से निष्कासित करने का मांग की है। घोष ने कहा कि अगर पार्टी को लगता है कि उनका बयान गलत है तो उन्हें भी सभी पदों से हटाने का अधिकार है। वे पार्टी का एक सिपाही बनकर रहने के लिए तैयार हैं।

दूसरी तरफ, टीचर्स भर्ती घोटाले में मनी ट्रेल की जांच कर रही ईडी अपनी कार्रवाई तेज करती दिखाई दे रही है। जांच एजेंसी ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य से भी इस मामले में पूछताछ की है।

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गई छापेमारी वर्ष 2015-2022 के दौरान 27 गुना बढ़ी है। इस दौरान ईडी ने 3010 छापे मारे जबकि 2005-2014 के दौरान इसकी 112 छापेमारी की थी। पिछले दिनों सरकार ने राज्यसभा में इसकी जानकारी दी थी।

धीरे-धीरे गायब हो रहे 2000 के नोट

2000 के नोट अब न बैंक कैश काउंटर पर जमा किए जा रहे हैं और न मार्केट में पहुंच रहे हैं। एटीएम से भी इन नोटों का निकलना बंद हो चुका है। आरबीआई ने 2019 के बाद से 2000 के नोट छापने बंद कर दिए हैं। हालांकि यह नोट चलन में हैं। बैंकिंग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में अब करीब 4000 करोड़ मूल्य के 2 करोड़ नोट ही चलन में हैं। हाल-फिलहाल की छापेमारियों में बड़ी संख्या में 2000 के नोट बरामद हुए हैं। वहीं, मार्केट से धीरे-धीरे ये नोट गायब होते जा रहे हैं।