उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में प्रवर्तन निदेशालय (ED) बड़ी तैयारी करने जा रही है। ईडी ने लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 अचल संपत्तियों को अटैच किया है। ये सभी संपत्तियां उत्तर प्रदेश के झांसी और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हैं जिनको लेकर ईडी ने तैयारी की है। इन संपत्तियों में भूमि और इमारतें शामिल हैं। ये कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई है।
ईडी की जांच में पाया गया है कि भास्कर इन्फ्राकॉन और कैसल हाइट्स पर गाज गिरी है। इन कंपनियों ने घोटाले से जुड़े पैसे का इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने के लिए किया गया था। इस वजह से ईडी ने इस संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है। वहीं लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसायटी पर लोगों से निवेश के नाम पर ठगी करने का आरोप है। बताया गया है कि सोसाइटी ने निवेशकों को ब्याज का लालच देकर करोड़ों रुपये जमा करवा लिए।
लोगों की शिकायत पर शुरू हुई जांच
इन कंपनियों ने लोगों से करोड़ों रुपये जमा कराने के उन पैसों को लौटाने में आनाकानी दिखाई। जिसके बाद निवेशकों ने इसकी शिकायत दर्ज कराई। फिर जाकर पूरा मामले खुला और जब जांच हुई तो पूरी कहानी सामने आई और करोड़ों के हेर-फेर का खुलासा भी हुआ।
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लोगों की शिकायत के बाद ईडी ने इस मामले में जांच की तो इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया। शुरुआती जांच में पता चला कि कंपनी ने घोटाले के पैसों का इस्तेमाल झांसी और भोपाल में संपत्तियां खरीदने में किया है। ईडी की जांच में इन संपत्तियां को जब्त कर सकती है साथ ही इस मामले में शामिल लोगों पर कार्रवाई करते हुए उनको गिरफ्तार भी कर सकती है।
निवेशकों को ईडी ने चेताया
कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले का मामला ये पहला नहीं है इससे पहले कई बड़े घोटाले सामने आ चुके हैं। इन घोटालों में सहारा इंडिया, पर्ल ग्रुप, आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी जैसे मामलों में निवेशकों का पैसा डूब गया है। इस कंपनियों का घोटाला सामने आने के बाद ईडी ने इन शिकंजा कस दिया।
निदेशालय ने जांच करते हुए निवेशकों को चेतावनी दी है कि कोई भी निवेशक पैसा जमा करने से पहले कंपनी के बारे में जांच परख कर ले और उसकी कानूनी स्थिति को जरूर जांच लें। इसके साथ ही अवैध या संदिग्ध योजनाओं में पैसा लगाने की सूचना तुरंत पुलिस या ईडी को दें।