बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High court) ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से कहा कि तीन सप्ताह के भीतर बताएं कि क्या 2013 में तर्कवादी डॉ. नरेंद्र दाभोलकर (Rationalist Narendra Dabholkar) की हत्या के मामले की जांच पूरी हो गई है। हाईकोर्ट ने यह तब कहा जब सीबीआई के एक वकील ने पीठ को बताया कि जांच अधिकारी ने इस संबंध में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है।
जस्टिस अजय एस गडकरी और प्रकाश डी नाइक (Justice Ajay S Gadkari and Prakash D Naik) की खंडपीठ ने जांच एजेंसी को सूचित करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया ताकि अदालत यह तय कर सके कि क्या वह मुकदमे की निगरानी जारी रखेगी।
दाभोलकर की बेटी की याचिका पर सुनवाई
पीठ नरेंद्र दाभोलकर की बेटी मुक्ता दाभोलकर द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में उच्च न्यायालय द्वारा मामले की निगरानी जारी रखने की मांग की गई थी। 67 वर्षीय तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुणे पुलिस जिसने शुरुआत में हत्या के मामले की जांच की थी, उसने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 2014 में सीबीआई को जांच सौंपी थी।
सीबीआई ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि उसने 2013 में तर्कवादी नरेंद्र दाभोलकर की हत्या की जांच पूरी कर ली है और जांच अधिकारी ने सक्षम अधिकारी को क्लोजर रिपोर्ट सौंप दी है। दाभोलकर की बेटी का प्रतिनिधित्व कर रहे एक वकील ने अदालत के समक्ष दावा किया कि सीबीआई ने समुचित ढंग से मामले की जांच नहीं की और अब भी कई खामियां हैं। बता दें कि रविवार को ओडिशा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री नब दास की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
दाभोलकर महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक भी थे
नरेंद्र दाभोलकर महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक भी थे। सीबीआई ने अब तक इस मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया है। अदालत ने इस महीने की शुरुआत में सीबीआई से मामले में उसकी जांच की स्थिति बताने को कहा था। सीबीआई की तरफ से पेश हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने अदालत को बताया, “जहां तक सीबीआई का संबंध है, जांच की गई है और अब वह पूरी हो चुकी है। 32 गवाहों में से 15 से पहले ही पूछताछ की जा चुकी है।”