दिल्ली में तमाम मुद्दों पर अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) और LG आमने-सामने हैं। इन्हीं मुद्दों में से एक है फिनलैंड में दिल्ली सरकार का टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम। शुक्रवार को दिल्ली सरकार ने एलजी पर इस प्रोग्राम से संबंधित “फाइल रोकने का प्रयास” करने का आरोप लगाया।

इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी की विधायक (AAP MLA) आतिशी ने पार्टी नेताओं शुक्रवार को एलजी हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि एलजी हाउस की तरफ से आम आदमी पार्टी के आरोपों को “प्रेरित” और “भ्रामक” बताया है।

एलजी हाउस (LG House) की तरफ से कहा गया कि उपराज्यपाल ने प्राइमरी इंचार्जों (Primary Incharges) की फिनलैंड में ट्रेनिंग प्रोग्राम रिजेक्ट नहीं किया है। एलजी हाउस की तरफ से कहा गया कि इस संदर्भ में कोई भी बयान भ्रामक और शरारत से प्रेरित है। दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि LG ने स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) से फिनलैंड ट्रेनिंग प्रोग्राम के बारे में ‘टेंजिबल टर्म्स कॉस्ट बेनिफिट एनालिसिस’ मांगा है।

शुक्रवार को एलजी पर आरोप लगाते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश की रक्षा के लिए सैनिक अपनी जान दे देते हैं और उन्हें सैलरी के रूप में सिर्फ 50 हजार से 60 हजार रुपये के बीच मिलते हैं। जिस दिन सैनिक अपने जीवन का कॉस्ट एनालिसिस करने लगेंगे, उस दिन न ही आप और ही देश बचेगा। हम अपने बच्चों का भविष्य बना रहे हैं और आप उनके भविष्य के कॉस्ट बेनिफिट एनालिसिस के बारे में पूछ रहे हैं।

अरविंद केजरीवाल ने कहा, “मेरे दो बच्चे हैं और मैं अपनी पूरी सैलरी उनपर खर्च करता हूं। मैं कितना खर्च करता हूं, इसपर कॉस्ट बेनिफिट एनालिसिस नहीं कर सकता। आप कुछ चीजों का कॉस्ट एनालिसिस नहीं कर सकते।” इससे पहले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 1079 शिक्षक और प्रिंसिपल यूके, यूएस और अन्य देशों में टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए गए थे।

भाजपा ने जिन राज्यों में 15 सालों तक काम किया है, वहां कोई अच्छा काम नहीं किया है। इसलिए वह एलजी के जरिए उस सरकार का काम बर्बाद करने की कोशिश कर रही है जो सच में काम कर रही है। मनीष सिसोदिया ने आगे कहा कि करीब 30 टीचर्स को ट्रिप पर जाना था। उन्होंने कहा कि इससे संबंधित फाइल एलजी के पास अप्रूवल के लिए अक्टूबर में भेजी थी।