दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने आठ करोड़ रुपए का नशीला पदार्थ बरामद कर शातिर तस्कर इस्लामुद्दीन को गिरफ्तार करने का दावा किया है। 60 साल का इस्लामुद्दीन उर्फ वाहिद गाजियाबाद में रहता है। वह एनडीपीएस एक्ट के दो मामलों में वांछित था। उसका गिरोह अंतरराज्यीय स्तर पर नशीले पदार्थ की तस्करी के लिए कुख्यात है। मेरठ नगर निगम से खुद का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर वह पुलिस को चकमा भी दे चुका था।
स्पेशल सेल के आयुक्त संजीव कुमार यादव के मुताबिक, शनिवार को मिली एक सूचना पर उत्तर प्रदेश के रामपुर एनएच-24 पर स्थित शिव ढाबे के पास मोटरसाइकिल से हेरोइन ले जाते वक्त वाहिद को दबोचा गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह मूल रूप से मेरठ का रहने वाला है और नारकोटिक्स के कई मामलों में आरोपी है। अदालत से उसे दो बार सजा भी मिल चुकी थी। तीसरी बार सजा न मिले, इसलिए वह पुलिस को झांसा देने के लिए मेरठ नगर निगम से खुद का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर और उसे पत्नी के हाथों अदालत में जमा कर निश्चिंत हो गया था। जब अदालत ने उसके मरने की अर्जी स्वीकार कर ली तो अपना नाम बदलकर वह मेरठ से गाजियाबाद आ गया।
इसके बाद उसने जोहरी नाम के एक युवक के साथ मिलकर नशे का कारोबार शुरू किया और इसमें तीन अन्य लोगों को भी जोड़ा। स्पेशल सेल ने इसी साल जून में चार किलो हेरोइन के साथ जोहरी को गिरफ्तार किया था। जोहरी की गिरफ्तारी के बाद इस्लामुद्दीन ने लोनी में कथित तौर पर डॉक्टर कहे जाने वाले एक व्यक्ति को हेरोइन के धंधे में शामिल किया। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश श्ुारू कर दी है।