दिल्ली सरकार आने वाले दिनों में गुजरात की तर्ज पर नहरों पर सोलर पैनल लगाने की तैयारी में है। सरकार का मानना है कि मुनक नहर के ऊपर सोलर पैनल लगाकर जगह का उचित इस्तेमाल किया जा सकेगा। साथ ही पानी का संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करना भी संभव हो सकेगा। इस परियोजना को लेकर विस्तृत तकनीकी अध्ययन और योजना रपट (डीपीआर) तैयार की जा रही है, जिसके अगले कुछ महीनों में पूरा होने की उम्मीद है।
दरअसल, जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने पिछले सप्ताह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुनक नहर (दिल्ली क्षेत्र) का दौरा किया था और स्थिति की गहन समीक्षा की। निरीक्षण के बाद यह तय किया गया कि दिल्ली सीमा में आने वाले हिस्से में नहर के दोनों किनारों पर चार फुट ऊंची दीवार बनाई जाएगी, जिन पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। यह योजना निर्माण और व्यवहार्यता आकलन के चरण में है।
नहर किनारे की सफाई व सुरक्षा के लिए योजना
इस योजना को अमल में लाने से नहर किनारे की सफाई व सुरक्षा को भी बेहतर बनाने का काम किया जा सकेगा। यह अवधारणा गुजरात के एक सफल माडल से प्रेरित है, जहां नहरों के ऊपर सोलर पैनल लगाकर जगह का सदुपयोग किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान नहर में गंभीर जल हानि सामने आई। दो मुख्य शाखाओं दिल्ली सब ब्रांच और कैरियर लाइनड चैनल में काफी रिसाव और गैर-प्रभावी जल प्रवाह पाया गया। इसकी वजह से डीएसबी में करीब 30 फीसद तो सीएलसी में 5 फीसद पानी का नुकसान हो रहा है।
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इतना ही नहीं मुनक नहर के खुले और असुरक्षित हिस्सों में कचरा फेंकने और डूबने की घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं, जो राहगीरों और आसपास के लोगों के लिए खतरा बनती जा रही हैं।
सोलर पैनल लगाने के कई बड़े फायदे होंगे। इससे सीधी धूप से बचाव कर पानी की वाष्पीकरण से हानि में कमी की जा सकेगी। स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन, जिसे नहर से संबंधित ढांचागत कार्यों या ग्रिड को दिया जा सकेगा। असुरक्षित पहुंच और दुर्घटनाओं को रोककर सुरक्षा में सुधार होगा और कचरा फेंकने की घटनाओं में कमी और नहर की सफाई में सुधार सामने आ सकेगा। मुनक नहर का लगभग 85 किमी हरियाणा और 17 किमी हिस्सा दिल्ली में स्थित है। इसलिए हरियाणा सरकार के साथ तालमेल से काम किया जाएगा।