मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में डबल इंजन की सरकार का लाभ देश की राजधानी को मिलने लगा है। इस कड़ी में केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने छह नई परियोजनाओं को मंजूरी दी जिसमें पांच किलोमीटर लंबे सुरंग मार्ग की परियोजना भी शामिल है। यह दक्षिणी दिल्ली और एनसीआर के यातायात को संतुलित करेगी। साथ ही प्रदूषण को नियंत्रित करने के साथ क्षेत्र का नजारा भी बदलने का काम करेगी।
शिव मूर्ति महिपालपुर (द्वारका एक्सप्रेस) से नेल्सन मंडेला मार्ग (वसंत कुंज) तक का यह सुरंंग मार्ग कई सड़कों से यातायात तो कम करेगा। साथ ही सिग्नल मुक्त बनाने का काम भी करेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात के बाद दिल्ली व आसपास के क्षेत्र में यातायात को सुचारू बनाने व प्रदूषण कम करने की दिशा में 24000 करोड़ के रुपए की कई परियोजनाओं को मंजूरी दी। सुरंग रोड परियोजना को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) बना रहा है और इसकी लागत 3500 करोड़ रुपए है।
टनल में ये होंगी सुविधाएं
मुख्यमंत्री के अनुसार इस टनल में दो भूमिगत ट्यूब रोड, अप और डाउन यातायात के लिए बनाए जाएंगे। इनमें प्रत्येक में तीन लेन होंगी, यानी यातायात के आवागमन के लिए कुल छह लेन की सुविधा मिलेगी। इस रोड में कई सुविधाएं होंगी, जिनमें इलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम, वेंटिलेशन, फायर सुरक्षा, सीसीटीवी, नियंत्रण कक्ष, इमरजेंसी निकास और क्रास पासेज शामिल हैं। गुप्ता का कहना है कि इस सुरंग के निर्माण से नेल्सन मंडेला मार्ग (वसंत कुंज) का यातायात तो सुगम होगा। साथ ही महिपालपुर, रंगपुरी में यातायात की भीड़ कम हो जाएगी।
इस टनल के निर्माण से धौला कुआं, राव तुलाराम मार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग-48 के महिपालपुर क्षेत्र में भी यातायात का दबाव घट जाएगा। इसके निर्माण से दक्षिण दिल्ली से द्वारका/गुरुग्राम के बीच सीधा व सिग्नल मुक्त वैकल्पिक मार्ग भी उपलब्ध हो जाएगा और एनएच-48 पर व्यस्त समय में जाम की समस्या भी मुक्ति मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि आगामी समय में यह टनल मध्य/पूर्वी दिल्ली को दिल्ली के एक्सप्रेसवे (एनई-5)/एनएच-44/एनएच-10 के अलावा दिल्ली-जयपुर राजमार्ग-48, दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (एनएच-709बी) से अर्बन एक्सटेंशन रोड (यूईआर) द्वारका एक्सप्रेसवे को भी जोड़ेगी।