दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार और उप-राज्यपाल वीके सक्सेना (LG VK Saxena) के बीच चल रही खींचतान के बीच शुक्रवार (10 फरवरी) को एलजी ने एक और बड़ा फैसला सुनाया है। एलजी वीके सक्सेना ने आप प्रवक्ता जैस्मीन शाह, नवीन एनडी गुप्ता (आप सांसद एनडी गुप्ता के बेटे) और अन्य व्यक्तियों को निजी स्वामित्व वाली डिस्कॉम- BYPL, BRPL (अनिल अंबानी) और NDPDCL (टाटा) के बोर्ड में सरकारी नॉमिनी के रूप में तत्काल हटाने का आदेश दिया।

LG Saxena ने दिए दिल्ली सरकार की ओर से नॉमिनेट किए गए लोगों को हटाने के आदेश

एलजी विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली की दो प्रमुख बिजली कंपनियों के बोर्ड में दिल्ली सरकार की ओर से नॉमिनेट किए गए लोगों को हटा दिया है। एलजी ने सरकार के नॉमिनी के रूप में प्राइवेट लोगों की नियुक्ति को पूरी तरह गलत और असंवैधानिक बताते हुए इन लोगों को बोर्ड से हटाने का निर्देश दिया है। इनमें आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद एन.डी. गुप्ता, डॉयलॉग एंड डिवेलपमेंट कमिशन, दिल्ली के वाइस चेयरमैन, आप के प्रवक्ता जैस्मिन शाह, उमेश त्यागी और जे.एस. देसवाल शामिल हैं।

कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया- LG VK Saxena

एलजी सक्सेना के अनुसार डिस्कॉम बोर्ड में आप नेताओं का नामांकन हर रूप में अवैध था क्योंकि कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। एलजी ने यह निर्णय 26 सितंबर 2022 को एक शिकायत के आधार पर दिल्ली बिजली विभाग और मुख्य सचिव द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट पर निर्णय लिया है। एलजी वीके सक्सेना ने इन लोगों को हटाकर इनकी जगह सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को नियुक्त करने का आदेश दिया है, जैसा कि पहले भी किया जाता रहा है। उपराज्यपाल के इस कदम से दिल्ली सरकार और एलजी सक्सेना में तकरार एक बार फिर बढ़ सकती है।

यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मजाक- AAP

एलजी सक्सेना के इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि डिस्कॉम के बोर्ड से जैसमीन शाह और नवीन गुप्ता को हटाने का एलजी का आदेश अवैध और असंवैधानिक है। एलजी के पास ऐसे आदेश जारी करने की शक्ति नहीं है, केवल निर्वाचित सरकार के पास बिजली पर आदेश जारी करने की शक्ति है। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मजाक है।