दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 26 जून को अगस्त माह के राशन का आबंटन और वितरण एक साथ करने का आदेश पारित कर दिया। यह आदेश तब जारी हुआ, जब जुलाई का राशन भी कोटाधारकों तक पूरी तरह नहीं पहुंच पाया था, जिससे विभागीय कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।
विभागीय आंकड़ों के अनुसार, 27 जून तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के छह प्रमुख गोदामों से केवल जुलाई माह के गेहूं की 28.65% और चावल की 34.24% आपूर्ति बाकी है। नियमानुसार, नए माह का आबंटन तभी किया जाना चाहिए जब पिछले माह की आपूर्ति पूरी हो चुकी हो। लेकिन इस बार, जुलाई का राशन दुकानों तक पूरी तरह पहुंचने से पहले ही अगस्त के आबंटन और वितरण का आदेश जारी कर दिया गया, जो स्पष्ट रूप से नियमों के खिलाफ है।
फूड कमिश्नर बोले- राशन की कमी नहीं होने देंगे
खाद्य आयुक्त संजीव कुमार ने आश्वासन दिया है कि आरक्षित कोटाधारियों को राशन की कमी नहीं होगी और दुकानों पर पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
हालांकि, दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ (DSRDS) के अध्यक्ष शिवकुमार गर्ग का कहना है कि जुलाई का राशन अब तक पूरा नहीं पहुंचा है, ऐसे में उसी आपूर्ति से अगस्त का वितरण करना भारी संकट पैदा कर सकता है। इससे ग्राहकों और दुकानदारों के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है।
विशेष रूप से ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ योजना के तहत दिल्ली आने वाले अन्य राज्यों के लाभार्थियों पर भी इसका असर पड़ सकता है, क्योंकि सर्वर और लॉजिस्टिक संबंधी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं। अप्रैल 2025 में भी ऐसी ही स्थिति बनी थी, जब मई तक उठान नहीं हो पाया था और केंद्र द्वारा समय बढ़ाने के बावजूद लाखों लोगों को राशन नहीं मिल सका था।
डीलर्स संघ का कहना है कि विभाग को यह आदेश वापस लेना चाहिए और पहले जुलाई की आपूर्ति पूरी करनी चाहिए थी। बिना व्यवस्थित आपूर्ति प्रणाली के इस तरह के आदेश लाखों कोटाधारियों की परेशानी का कारण बन सकते हैं।