दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बतौर वित्त मंत्री शनिवार को अपना आठवां बजट पेश किया। उन्होंने इसे रोजगार बजट की संज्ञा दी और सबसे अधिक धनराशि शिक्षा के लिए जारी की है। केजरीवाल सरकार का यह बजट रोजगार सृजन के अलावा बाजार उन्नयन, स्कूलों के विकास, मोहल्ला क्लीनिक के विस्तार, फूड हब, पशु चिकित्सा महाविद्यालय और बेघर बच्चों के लिए आवासीय स्कूल खोलने सहित तमाम मुद्दों पर केंद्रित है। बता दें कि पिछले सात सालों में दिल्ली का बजट ढाई गुणा के करीब हो गया है।

वित्त वर्ष 2022-23 का बजट 75,800 करोड़ रुपए का है जो वित्त वर्ष 2014-15 में 30,940 करोड़ रुपए का था। सरकार ने शिक्षा पर करीब 22 फीसद से अधिक खर्च करने का लक्ष्य रखा है। दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया के पास शिक्षा मंत्री का भी कार्यभार है। उन्होंने बजट 2022-2023 में शिक्षा क्षेत्र में भी कई घोषणाएं कीं। अगर दिल्ली के शिक्षा बजट की बात करें तो केजरीवाल सरकार ने आगामी वित्त वर्ष में इस क्षेत्र में 16,278 करोड़ रुपए का बजट आबंटन किया है। यह सभी क्षेत्रों के आबंटन में सर्वाधिक है।

केजरीवाल सरकार ने एक साल के भीतर बेघर और बेसहारा बच्चों को ध्यान में रखते हुए लिए उनके लिए आवासीय स्कूल की व्यवस्था करने की बात कही है। मनीष सिसोदिया ने सदन में शिक्षा बजट का जिक्र करते हुए कहा-ऐसे बच्चे जो दिल्ली में बेघर हैं या फिर जिनके पास रहने को घर नहीं हैं उनके लिए दिल्ली सरकार आवासीय स्कूल की व्यवस्था करेगी।

दिल्ली सरकार की ओर से इस योजना के तहत 10 करोड़ रुपए का बजट का आबंटन किया गया है। शिक्षा को अत्याधुनिक बनाने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से चिराग दिल्ली में स्कूल विज्ञान संग्रहालय की शुरुआत कर रही है। इसका उद्देश्य छात्रों के बीच वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहन करना है। इसके अलावा बजट में दिल्ली के सभी क्लास को स्मार्ट क्लास में बदलने की बात कही है।

स्कूल में डिजिटल क्लास की शुरुआत की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा-दिल्ली में पिछले सात साल में 1.78 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला, जिनमें से 51,307 लोगों को सरकारी नौकरियां मिलीं।

पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष भी सदन में पहुंचे
पंजाब विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां और वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने शनिवार को दिल्ली विधानसभा में बजट प्रस्तुतिकरण में हिस्सा लिया और इसकी प्रक्रिया को समझा। संधवां और सिंह दोनों ‘आप’ के नेता हैं।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से बजट पेश किए जाने के दौरान दोनों सदन में मौजूद थे। आप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा-वे यहां बजट पेश करने की प्रक्रिया देखने के लिए आए थे। सनद रहे कि आप ने हाल में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में 117 में से 92 सीटों पर जीत हासिल की है।

बजट पर प्रतिक्रिया:

कोरा काल्पनिक बजट
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आप सरकार के रोजगार बजट को काल्पनिक करार दिया है। उन्होंने कहा कि इस बजट से सरकार ने जनता को बहकाने की कोशिश की है। सरकार बजट में रोजगार का कोई ठोस कार्यक्रम नहीं लाई है। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य, शिक्षा, ट्रांसपोर्ट, पर्यावरण, बिजली, और पानी के क्षेत्र में विफलता भी किसी से छिपी नहीं है।

बजट ड्रामा और छल-कपट
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष और पूर्व विधायक जयकिशन ने कहा कि मौजूदा बजट ड्रामा, ढकोसला और दिल्ली की जनता के साथ छल-कपट है। बजट से विकास की गति तो रुकेगी ही महंगाई पर किसी भी तरह रोक नहीं लगेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, बुजुर्गों के पेंशन किसी भी जनोपयोगी कार्य को प्राथमिकता नहीं दी गई है। यह मुख्यमंत्री के लगातार झूठ में एक और झूठ का पुलिंदा है।

केवल 440 रोजगार दिए
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार का बजट एक झूठ का पुलिंंदा है। दिल्ली सरकार ने वर्ष 2015 में 8 लाख और फिर 10 लाख रोजगार देने की बात कही थी। अबकी सरकार ने 20 लाख रोजगार देने दावा किया है। लेकिन सूचना के अधिकार के मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक सिर्फ 440 लोगों को ही आप सरकार ने रोजगार दिया है।

बजट झूठ का पुलिंदा : अनिल कुमार
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दिल्ली सरकार के पेश बजट को गरीब विरोधी, दलित विरोधी, युवा विरोधी और झूठ का पुलिंदा कहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि रोजगार बजट सरकारी पोर्टल पर पंजीकृत 15 लाख बेरोजगार युवाओं का मजाक उड़ाना है। यह गरीब विरोधी बजट है। बजट में दलित उत्थान, महंगाई पर नियंत्रण के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है। दिल्ली में 15,34,832 युवा बेरोजगार है परंतु केजरीवाल सरकार युवाओं को रोजगार नहीं देती उन्हें बेरोजगारी भत्ता देने का कोई प्रावधान भी बजट में नहीं किया। पर 20 लाख रोजगार देने की खोखली घोषणा कर रहे। शिक्षा बजट कम किया और कर्मचारियों पर कोई घोषणा नहीं।