दिल्ली में कोरोनाकाल के दौरान उभरे आर्थिक संकटों का असर धीरे-धीरे कम हो रहा है। बीते साल की तुलना में दिल्ली को होने वाली आय में इजाफा हुआ है और अर्थव्यवस्था भी पटरी पर आ रही है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट भाषण में बताया कि फरवरी 2022 तक दिल्ली के राजस्व संग्रह में 39 फीसद का इजाफा हुआ है।

सरकार ने दावा किया है कि तकनीक और सतर्कता की बदौलत सरकार की आय बढ़ी है और सरकार कर चोरी जैसे मामलों को रोकने में सफल रही है। इस वजह से दिल्ली को राजस्व से 35,112 करोड़ की आय हुई है। जीएसटी और वैट सरकार की आय का अहम स्रोत है। इससे दिल्ली सरकार को 24,379.03 करोड़ रुपए बतौर कर मिले हैं, जो कि फरवरी 2021 की तुलना में 41.90 फीसद अधिक है।

सरकार ने कर बढ़ाने के लिए हर माह की जांच शुरू की और इंस्पेक्टर राज खत्म किया है। अप्रैल 2021 से फरवरी 2022 तक विभाग की तरफ से 156 सर्वेक्षण किए गए थे। इस जांच में एंजसियों ने 38.76 करोड़ की देय राशि का पता लगाया था, जिसमें से 26.57 करोड़ प्राप्त किए गए हैं।

तीन जरियों से आय बढ़ाएंगे

सर्किल दरों में देंगे छूट : संपत्ति का कारोबार सरकार की आय का बड़ा माध्यम है। इसके लिए संपत्ति खरीद पर सर्किल दरों पर छूट दी जाएगी। बजट में यह छूट 20 फीसद तक प्रस्तावित है।

माफी योजना लाएंगे : दिल्ली में टैक्स संबंधित अनावश्यक मुकदमों की उलझनों से बचाने के लिए जल्द ही सरकार एक माफी योजना लेकर आएगी। इसकी मदद से मुकदमों की संख्या को कम किया जा सकेगा।

आबकारी नीति से 4500 करोड़ का लक्ष्य : दिल्ली सरकार ने बजट में दावा किया है कि वर्तमान वित्त वर्ष में सरकार को इस मद से 4500 करोड़ की आय होने का अनुमान है।