शांति और सद्भाव पर बनी दिल्ली विधानसभा समिति ने सोमवार (31 अगस्त, 2020) को बताया कि पहली नजर में पता चलता है कि उत्तर-पूर्व दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों में फेसबुक ने भूमिका निभाई है। समिति ने इसके अलावा हिंसा फैलाने में व्हाट्सएप की भूमिका की जांच करने की घोषणा की है। समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा अपने दावे का आधार छत्तीसगढ़ के पत्रकार आवेश तिवारी को माना है, जिन्होंने भारत में फेसबुक नीति के प्रमुख अंखी दास के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। इसके अलावा उन्होंने स्वतंत्र पत्रकार कुणाल पुरोहित और सुभाष गड़के को भी अपने दावे का आधार माना है। हालांकि आरोपों पर फेसबुक ने ईमेल और मैसेज का जवाब नहीं दिया है।
आप नेता राघव चड्ढा ने मीडिया को बताया कि समिति ने सोमवार को फेसबुक के खिलाफ की गई शिकायतों के मसले पर बैठक बुलाई थी। बैठक में समिति के सामने तीन गवाह पेश हुए। इनमें पत्रकार और एक बड़े अखबार के संपादक रहे आवेश तिवारी शामिल हैं। दूसरे हैं स्वतंत्र पत्रकार कुणाल पुरोहित, जिन्होंने व्हाट्सएप और फेसबुक से संबंधित कई सारे मसलों पर खूब अध्ययन किया और जांच कर रिपोर्ट की। तीसरे हैं सुभाष गड़के, इन्होंने फेसबुक का क्या अन्य देशों में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने में भूमिका रही है, उस पर खूब रिसर्च किया है। उन्होंने कहा कि समिति की अगली बैठक में शामिल होने के लिए फेसबुक अधिकारियों को समन भेजने का निर्णय लिया गया है।
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शांति एवं सद्भाव समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली दंगों में फेसबुक का बड़ा हाथ था। ऐसे में फेसबुक को दिल्ली दंगों की जांच में सह-अभियुक्त की तरह मानना चाहिए। चड्डा ने कहा कि स्वतंत्र जांच एजेंसी की निष्पक्ष जांच के बाद फेसबुक के खिलाफ कोर्ट में एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट फाइल की जानी चाहिए। बकौल चड्ढा फेसबुक पर जिस प्रकार के सामग्री का प्रचार किया गया, कोशिश यह थी कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दंगा हो जाए, मगर सफल नहीं हुए।
उल्लेखनीय है कि दो मार्च को गठित समिति ने कहा कि द वॉल स्ट्रीट जर्नल द्वारा कंपनी की भारत इकाई पर एक स्टोरी प्रकाशित करने के कुछ दिनों बाद, सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी के खिलाफ ‘कई शिकायतें’ मिलने के बाद ये मामला उठा। बता दें दिल्ली में दिल्ली दंगों में करोड़ो रुपए की संपत्ति जलकर खाक हो गई। सांप्रदायिक दंगों में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लगो बुरी तरह घायल हो गए थे। (इनपुट सहित)

