दिल्ली विधानसभा में आज जन लोकपाल विधेयक पर सरकार से जवाब का अनुरोध खारिज कर दिए जाने के बाद भाजपा के तीन विधायकों ने वाकआउट कर दिया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र पर करीब 21 महीने तक इसे दबाए रखने का आरोप लगाया। विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और भाजपा के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा और जगदीश प्रधान सदन से वाकआउट करने के बाद विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय के बाहर धरना पर बैठ गए। उन्होंने केंद्र के समक्ष विधेयक की फाइल लंबित होने को लेकर ‘‘ झूठ ’’ फैलाने के लिए उनसे माफी मांगने की मांग की।
सिसोदिया ने कहा कि विधानसभा ने चार दिसंबर 2015 को जन लोकपाल विधेयक पारित किया था और मंजूरी के लिए इसे उपराज्यपाल के जरिए केंद्र के पास भेज दिया था ।
उपमुख्यमंत्री ने कहा , ‘‘ विधेयक को करीब 21 महीने तक दबाए रखने के बाद केंद्र जागा और उसने कहा है कि इस पर चर्चा होनी चाहिए कि क्या विधेयक दिल्ली विधानसभा के अधिकार के दायरे में आता है या नहीं।
उन्होंने कहा , ‘‘ केंद्र विधानसभा के अधिकार पर सवाल उठा रहा है। अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो जनलोकपाल दिल्ली में लागू होता। ’’ हालांकि , उन्होंने विपक्ष के आरोपों को जवाब नहीं दिया कि विधेयक से जुड़ी फाइल अभी भी दिल्ली सरकार के पास लंबित है।