केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि उन्हें दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) अध्यक्ष पद पर रहते हुए किसी से कोई धन नहीं मिला। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर उनके साथ काम करने वाले एक खास व्यक्ति के खिलाफ सीबीआइ जांच से ध्यान हटाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी ने झूठ बोला कि डीडीसीए अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने धन का गबन किया और वह इसके लाभार्थी थे।
केजरीवाल और अन्य के खिलाफ जेटली की ओर से दायर आपराधिक मानहानि शिकायत के समर्थन में अपना बयान दर्ज कराने के लिए वो कड़ी सुरक्षा में मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट संजय खनगवाल के सामने पेश हुए।
वित्तमंत्री ने कहा कि केजरीवाल और अन्य ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ झूठे और मानहानि वाले बयान दिए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल का यह बयान झूठा है कि डीडीसीए प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान जब फिरोज शाह कोटला स्टेडियम का निर्माण हुआ तो उन्हें धन मिला क्योंकि निदेशक मंडल ने काम पर नजर रखने के लिए एक समिति बनाई थी। वह इस निगरानी समिति के सदस्य नहीं थे।
अदालत ने वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा का बयान भी दर्ज किया जो इस मामले में शिकायतकर्ता के गवाह के रूप में पेश हुए। करीब 70 मिनट तक बयान दर्ज कराने के दौरान जेटली ने छह लोगों के ट्विटर और फेसबुक पोस्ट का जिक्र किया और कहा कि उनके बयानों ने उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने आरोप लगाया कि आप के इन नेताओं ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ झूठे बयान दिए। अदालत ने इस मामले में शिकायकर्ता के अन्य गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए तीन फरवरी की तारीख तय की है।
जेटली ने 21 दिसंबर को आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराते हुए इन लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध किया था। कानून में इन अपराधों के लिए दो साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है। यह शिकायत भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई थी। इनमें धारा 499 (मानहानि), 500 (सजा), 501 और 502 (अपमानजनक सामग्री का मुद्रण और बिक्री) शामिल है। शिकायत में जेटली ने कहा था कि मुख्यमंत्री और आप के अन्य नेताओं ने साझा इरादे से राजनीतिक लाभ के लिए 15 दिसंबर से उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एक झूठा, द्वेषपूर्ण और अपमानजनक अभियान चलाया। इससे उन्हें अपूर्णनीय क्षति हुई है।’
जेटली ने अपनी शिकायत में आप नेताओं की ओर से संवाददाता सम्मेलनों में लगाए गए कुछ आरोपों का हवाला दिया है। इनमें से एक आरोप यह था कि सीबीआइ ने दिल्ली सरकार के अधिकारी के कार्यालय पर जेटली के कर घोटाले की फाइलें ढूंढ़ने के लिए छापा मारा और जेटली के कार्यकाल में कई सौ करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ था। उन्होंने 15 साल से भी अधिक समय तक डीडीसीए को इससे बचाने की कोशिश की। जेटली ने कहा था कि आप के नेताओं ने ये बयान मौखिक और ट्विटर हैंडल के जरिए जारी किए। इसे 15 से 20 दिसंबर तक इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया ने प्रसारित किया।